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16 वाॅ पद्मश्री देवीलाल सामर स्मृति नाट्य समारोह

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28 Feb 20
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16 वाॅ पद्मश्री देवीलाल सामर स्मृति नाट्य समारोह

16 वें पद्मश्री देवीलाल सामर स्मृति नाट्य समारोह के तीसरे दिन हास्य एवं मनोरंजन (Humor & Entertainment)से भरपूर नाटक भूत भागो भूत आया ने गुदगुदाया।

भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर के निदेशक डाॅ. लईक हुसैन ने बताया कि 69वें स्थापना दिवस पर आयोजित किये जा रहे 6 दिवसीय 16 वें पद्श्री देवीलाल सामर स्मृति नाट्य समारोह के तीसरे दिन क्रियेटिव आर्ट सोसायटी, जोधपुर के कलाकारों द्धारा नाटक भूत भागो भूत आया का मंचन किया गया। रत्नाकर मत्करी द्धारा लिखीत इस नाटक का निर्देशन रमेश भाटी नामदेव द्वारा किया गया।

उन्होने बताया कि हास्य एवं व्यंग की पृष्ठभूमि वाले इस नाटक (drama)में समाज के उन चरित्रों को रूपायित किया गया जो अपनी मानसिकता के कारण आम लोगों से एक अलग पहचान रखते है। नाटक भूत भागो भूत आया में  प्रोफेसर सत्यवान के माध्यम से एक परिवार को आधार बनाकर समाज की परते खोलने का काम किया गया है । जिसमें प्रोफेसर सत्यवान की पहली पत्नी का देहांत हो जाने के बाद वह अपनी ही एक विद्यार्थी यामिनी से विवाह कर लेते है। प्रोफेसर सत्यवान के  मित्र डाॅ. घसीटा ने उन्हे एक ढोंगी तांत्रिक राधे मुरारी के ढोंग और पाखण्ड के बारे में बताया और उसका पर्दाफाश करने की बात कह कर उनके घर बुलाता है, तांत्रिक जब प्रोफेसर के घर आता है और कहता है कि वह आत्माओं से उनकी बात करा सकता है, तो प्रोफेेसर उसे अपनी पहली पत्नी से बात कराने को कहता है, तो तांत्रिक के प्रयास से प्रोफेसर की पहली पत्नी सावित्री भूत के रूप में उनके घर में आकर बस जाती है जो सिर्फ और सिर्फ प्रोफेसर सत्यवान को ही दिखाई देती है। सावित्री अपने प्रेम के कारण प्रोफेसर सत्यवान को अपने साथ परलोक में ले जाना चाहती है। लेकिन उसकी दूसरी पत्नी, डाॅ. मित्र एवं तांत्रिक राधे मुरारी के साथ मिल कर प्रोफेसर की पहली पत्नी सावित्री को पुनः परलोक भिजवा देती है।  इसी के बीच में हास्य एवं व्यंग का यह पूरा ताना बुना गया है। 

नाटक में मुख्य भूमिका में विकास कपूर - प्रो. सत्यवान, नेहा राकावत - यामिनी, साक्षी सोलंकी - मम्मी, एम.एस. जई - डाॅक्टर, जूही शेशानी - सावित्री, मनोहर सिंह - तांत्रिक, अजय करण - फंटू, मोहम्मद इमरान - प्रकाश व्यवस्था एवं संगीत पर नेमीचंद थे।

उन्होने बताया कि समारोह में चैथेे दिन दिनांक 28 फरवरी को दि परफोरमर्स, उदयपुर द्धारा कविराज लईक निर्देशित नाटक ‘‘ जात ही पूछो साधू की’’  दिनांक 29 फरवरी को अंतराल थियेटर गु्रप, जयपुर द्वारा डाॅ. रवि चतुर्वेदी निर्देशित नाटक ‘‘ दरकते रिश्ते एवं दिनांक 01 मार्च को हमारी उर्दू मोहब्बत, दिल्ली के दल द्धारा रिनि सिंह निर्देशित नाटक ‘‘ पीर पराई जाने रे का मंचन किया जाएगा।

 अंत में उन्होने यह भी बताया कि संस्था परिसर में दिनांक 22 फरवरी से 01 मार्च तक शिल्प मेले (Craft fair) का भी आयोजन किया जा रहा है। जिसमें लगभग  30 स्टाॅल लगाई गई है, जिसमें देश के विभिन्न प्रांतो से आए शिल्पी अपने शिल्प का प्रदर्शन कर रहे है। 

16 वें पद्मश्री देवीलाल सामर स्मृति नाट्य समारोह की प्रस्तुतियाँ प्रतिदिन सायं 07 बजे से हो रही है, जिनमे दर्शकों का प्रवेश निःशुल्क है।


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