महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कृषि अनुसंधान निदेशालय में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा संचालित अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान की परियोजना कृषि एवं कृषि आधारित उद्योगों में ऊर्जा पर त्रिदिवसीय कार्यशाला (Three day workshop on energy in agro based industries) का शुभारंभ दिनांक 18.02.2020 को हुआ। कार्यशाला के दौरान देश भर से कुल 16 संस्थानों से 55 वैज्ञानिको ने भाग लिया। कार्यशाला भोपाल संस्थान के डॉ. के. सी. पांडे और प्रो. दीपक शर्मा (निदेशक, छात्र कल्याण) के नेतृत्व एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति डॉ. नरेन्द्र सिंह राठौड़, सम्मानीय अतिथि डॉ. बी. एस. पाठक, पूर्व निदेशक स्प्रेरी एवं डॉ. एस कामराज, रिटायर्ड प्रोफेसर, टी. एन. यु. कोयम्बटूर की अगुवाई में हुआ। कार्यक्रम के दौरान डॉ. के. सी. पांडे ने परियोजना के अन्तगर्त विभिन्न संस्थानों द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में हुए शोध के बारे में संक्षिप्त में जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान नवीकरणीय ऊर्जा अभियांत्रिकी विभाग, सी.टी.ए. ई. के प्रोफेसर दीपक शर्मा, कपिल सामर एवम नीलम राठौड़ द्वारा लिखित पुस्तक रिन्यूएबल एनर्जी एवं ग्रीन टेक्नोलॉजी (Renewable Energy and Green Technology) एवं अन्य पुस्तिकाओं का विमोचन मुख्य अतिथि द्वारा किया गया।
विश्विद्यालय के कुलपति डॉ. राठौड़ ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में हुए अनुसंधान को वास्तविक रूप से लघु एवम मध्यम कृषि उद्योग में उपयोग लेने हेतु जोर दिया। डॉ. बी.एस. पाठक ने कृषि अपषिष्ट को खुले में जलाने से हो रहे प्रदूषण की समस्या को गंभीर बताते हुए गैसीफिकेशन पद्धति द्वारा गैसीय ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने पर जोर दिया। सी.आई.ए. ई. भोपाल के निदेशक डॉ. पी.एस. तिवारी ने कृषि अपशिष्ट को डेंसिफिकेशन पद्धति से ठोस ईंधन और पायरोलायसिस माध्यम से बायोचार बनाने के तरीकों के बारे में बताया। विश्विद्यालय के अनुसंधान निदेशालय के निदेशक डॉ. अभय कुमार महता ने कृषि के क्षेत्र में उपयोग में आने वाली ऊर्जा की ऑडिट को अनिवार्य बताया जिससे ऊर्जा की अवाँछनीय खपत को कम किया जा सकता है। सीटीएई के अधिष्ठाता डॉ. अजय कुमार शर्मा ने मुख्य अतिथियों का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया। मंच का संचालन डॉ. निकिता वधावन द्वारा किया गया।