उदयपुर| लोक कलाओं की अन्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्था भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर के 69 वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर आयोजित होने वाले लोकानुरंजन मेला, 16वाँ पद्मश्री देवीलाल सामर स्मृति राष्ट्रीय नाट्य समारोह एवं शिल्प मेले की तैयारियाँ प्रारम्भ।
भारतीय लोक कला मण्डल (Board of folk art of india) के निदेशक डाॅ लईक हुसैन ने बताया कि लोक कलाओं की ख्याति प्राप्त संस्था भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर की स्थापना वर्ष 1952 में स्व. पद्मश्री देवीलाल सामर की गयी। संस्था के 69वाॅं स्थापना दिवस समारोह इस वर्ष बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाएगा । स्थापना दिवस समारोह के आयोजनों में दिनांक 22 फरवरी से 24 फरवरी 2020 तक ‘‘लोकानुरंजन मेले’’ (Lokanuranjan fair) का आयोजन किया जाएगा, जिसमें राजस्थान के जोधपुर से लंगा गायन, बाड़मेर से लाल आंगी गैर, शाहबाद से सहरिया तमिल नाडु से करकाट्टम, अरूणाचल प्रदेश से एनेय-ना, उड़िसा से दाल खाई, महाराष्ट्र से पोवाड़ा, पंजाब से पंजाबी भांगड़ा, सम्मी एवं गुजरात से राठवा लोक नृत्य दल सहित, विभिान प्रांतों के लगभग 300 लोक कलाकारो द्वारा प्रतिदिन भारतीय लोक कला मण्डल (Board of folk art of india) के रंगमंच पर अपनी प्रस्तुतियाँ दी जाएगी ।
दिनांक 25 फरवरी से 1 मार्च तक दि परफोरमर्स, उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में ‘‘16 वें पद्मश्री देवीलाल सामर स्मृति राष्ट्रीय नाट्य समारोह’’ का आयोजन किया जाएगा जिसमें दिनांक 25 फरवरी को संगीत नाटक अकादमी अवार्डी केवल धालीवाल द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘ लूना’’, दिनांक 26 फरवरी को सुहास सूर्यवंशी द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘बली’’, दिनांक 27 फरवरी को रमेश भाटी द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘भूत भागो भूत आया’’ दिनांक 28 फरवरी को कविराज लईक द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘जात ही पूछो साधु की ’’, दिनांक 29 फरवरी को डाॅ. रवि चतुर्वेदी द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘दरकते रिश्ते’’ तथा दिनांक 1 मार्च को डाॅ. रैने सिंह द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘पीर पराई जाने रे’’ नाटकों का मंचन किया जाएगा। यह कार्यक्रम संस्था के मुक्ताकाशी रंगमंच पर प्रतिदिन सांय 7ः00 बजे से प्रदर्शित किये जाएगें।
इसके साथ ही संस्था परिसर में दिनांक 22 फरवरी से 1 मार्च 2020 तक प्रातः 11 बजे से सायं 9 बजे तक शिल्प मेले (Craft fair) का आयोजन भी किया जाएगा जिसमें राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के साथ देश के अन्य प्रांतों के शिल्पीयों द्वारा अपने - अपने शिल्प का प्रदर्शन एवं बिक्री की जाएगी।
भारतीय लोक कला मण्डल के मानद सचिव एस.पी. गौड़ ने बताया कि स्थापना दिवस पर आयोजित होने वाला लोकानुरंजन मेला एवं 16वाँ पद्मश्री देवीलाल सामर स्मृति राष्ट्रीय नाट्य समारोह तथा शिल्प मेले में प्रवेश निःशुल्क रहेगा।