उदयपुर | भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्य तिथी के अवसर पर नाटक नायक और खलनायक का प्रभावी मंचन हुआ।
भारतीय लोक कला मण्डल के निदेशक डाॅ. लईक हुसैन (Dr. Laik hussain)ने बताया कि यह वर्ष महात्मा गांधी के 150 वें जन्म वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है और जन-जन में बापू के विचार आज तक प्रासंगिक है और युवाओं को प्रेरणा देते है। इसी उद्धेश्य को ध्यान में रखते हुए बापू की पुण्यतिथि के अवसर पर भारतीय लोक कला मण्डल (Board of folk art of india), उदयपुर एवं गुजरात संगीत नाटक अकादमी, गांधीनगर के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्य तिथी की पूर्व संध्या पर आज के सामाजिक राजनैतिक आर्थिक मुद्दों को प्रतिबिम्बित करता हुआ गुजराती भाषा (Gujarati language)में नाटक नायक और खलनायक का मंचन मंचन भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर के गोविन्द कठपुतली (Puppet) प्रेक्षालय में सायं 07 बजे हुआ।
नाटक नायक और खलनायक राजेंन्द्र शुक्ल द्वारा लिखित एवं परेश शंघवी द्वारा निदेर्शित नाटक की कहानी के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया गया कि हर एक इंसान में नायक और खलनायक ये दोनो ही होते है यह इनकी कमी और खूबी होती है इंसान खुद क्या चाहता है ? वो उसे खुद को पता नहीं होता , वो खुद क्या होता है और क्या करता है , ये बातें वो नहीं जानता इसीलिए जीवन की गुत्थीयो मे उलझा रहता है, एसे ही एक इंसान की खुद से खुद के सफर की दास्ताँ यह नाटक नायक खलनायक है ।
नाटक में मुख्य कलाकार आशुतोष रघुवंशी, शिवानी मोढ़, यश ठाकोर, हेतल परमार, वेश भूषा-हिना राव ने किया और संगीत -विजय गढवी, रंग भूशा- हसमुख श्रीमाली , प्रकाश आयोजन-ध्रुव जोशी , सेटिंग-अनवर मंसूरी एवं नेपथ्य -मेहुल फोजदार ने किया तथा लेखन राजेन्द्र शुक्ला एवं निर्देशन परेश शंघवी ने किया ।