उदयपुर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के प्रताप नगर स्थित प्रशासनिक भवन में शनिवार को महाराणा प्रताप की 423 वीं पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया गया। कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने बताया की महाराणा प्रताप का संघर्ष तो संस्कृति के संरक्षण का संघर्ष ही था उन्होने बताया की प्रताप पुण्य तिथि के दिन हमें प्रताप के आदर्शो पर चलने का आव्हान किया। प्रताप की जीवन चरित्र जन जन में वीर भावना, सांस्कृतिक चेतना, कर्तव्य बोध पैदा करने के लिए धधकते ज्वालामुखी का कार्य करता है। प्रताप का जन्म मेवाड में हुआ और प्रताप का देश ही नहीं पूरे विश्व में नाम है। जब तक इंसान धरती पर रहेगा तब तक प्रताप का इतिहास अमर रहेगा। विशेषाधिकारी डॉ. हेमशंकर दाधीच, डॉ. जीवन सिंह खरकवाल, डॉ. जी.एम. मेहता, डॉ. भवानीपाल सिंह, डॉ. दिलीप सिंह चौहान, डॉ. घनश्याम सिंह भीण्डर, डॉ. आशीष नंदवाना डॉ. कुलशेखर व्यास, डॉ. चन्द्रेश छतलानी, जितेन्द्र सिंह चौहान, कृष्ण पाल सिंह, रीना मेनारिया, शोएब कुरेषी लहरनाथ, नजमुद्दीन, राजेन्द्र प्रसाद वर्मा ने भी पुष्पांजलि अर्पित कर स्मरण किया।