उदयपुर । पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित मासिक नाट्य संध्या ’’रंगशाला‘‘ में रंगकर्मी, अभिनेता और निर्देशक मलय मिश्रा द्वारा सआदत हसन मंटो की कहानी पर आधारित नाटक ’’टोबा टेक सिंह‘‘ की एकल प्रस्तुति दी गई जिसमें उन्होंने भारत-पाक बंटवारे के दर्द को सशक्त ढंग से अभिव्यक्त किया।
शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में रविवार शाम उपस्थित दर्शक प्रख्यात साहित्यकार तथा जीवन की घटनाओं को करीब से देखने और अपनी रचनाओं में अभिव्यक्त करने वाले सआदत हसन मंटो की कहानी ’’टोबा टेक सिंह की कहानी‘‘ में बंटवारे के दर्द को अनुभूत कर सके। बंटवारे के बाद बिशन सिंह उर्फ टोबा टेक सिंह पागलों को भारत शिफ्ट किया जाता है। वह भारत में जाना चाहता है किन्तु बाद में उसे ज्ञात होता है कि विभाजन में उसका गांव टोबा टेक सिंह पाकिस्तान में शामिल हो गया है। यहीं से उसके जीवन की त्रासदी की शुरूआत होती है और उसका मौत सरहद पर ही हो जाती है। रांची के मलय मिश्रा की इस एकल प्रस्तुति और सशक्त अभिनय ने कहानी के भावों को उत्कृष्ट ढंग से दर्शाया। भावपूर्ण संवादों में मलय ने जहां अपने अभिनय की छाप छोडी वहीं पूरी प्रस्तुति में वे दर्शकों से एक अनूठा संवाद करते नजर आये।