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सृजन द स्पार्क का ‘एक सुकून-जश्न -ए-परवाज़-5‘  में गूंजे सूफी तरानें

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23 Dec 19
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सृजन द स्पार्क का ‘एक सुकून-जश्न -ए-परवाज़-5‘  में गूंजे सूफी तरानें

उदयपुर (Dinesh Gothwal)। सृजन द स्पार्क संस्था की ओर से ‘एक सुकून जश्न-ए-परवाज़-5‘ भारतीय लोक कला मण्डल में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में देश की ख्यातनाम सूफी एवं गज़ल गायिका कविता सेठ की म्यूजिकल नाईट आयोजित हुई।
कविता सेठ ने उदयपुर मीटी-मीटी ठंडक में सभी को नमस्कार करते हुए अपने कार्यक्रम की शुरूआत सूफी कलाम ‘यार मेरा,राग मेरा, प्यार,इश्क बना प्यार मेरा...‘शुरूआत की, तो सभी ने एकाग्रचित हो कर उसे ध्यान से श्रवण किया। ‘है जिसका जलवा नज़र नज़र मे खुदा वहीं...‘,‘छाप तिलक सब छीनी रे मौसे नैना मिलाय के....‘ जैसे कलामों को पेश किया।
समारोह में सर्वप्रथम विभिन्न कलाओं के धनी 7 कलाकारों सारेगामा कार्यक्रम फेम टीवी प्रोड्यूसर गजेन्द्रसिंह को सृजन खेमचन्द प्रकाश अवार्ड, उर्दु के प्रसिद्ध लेखक एवं आईपीएस कैस़र खालिद को सृजन अमीर खुसरो अवार्ड, प्रख्यात रंगमंचीय निर्देशक भानू भारती को सृजन वी.डी. पलूसकर अवार्ड, उद्योगपति एवं फिलान्थ्रोपिस्ट अनिल मुरारका को सृजन ओंकारनाथ ठाकुर अवार्ड, द्रोणाचार्य फेम टीवी एवं बाॅलीवुड कलाकार सुरेन्द्रपालसिंह को सृजन नन्दलाल बोस अवार्ड, मध्यप्रदेश के आर्ट एवं कल्चर विभाग के प्रमुख सचिव पंकज राग को सृजन मदन मास्टर अवार्ड एवं कवियित्री डाॅ.कविता किरण को सृजन स्पेशल अवार्ड प्रदान किया गया।  
मा-बाप का हाथ पकड़े रखा तो किसी का पैर पकड़ने की जरूरत नहंी पड़ेगी-इस अवसर पर बोलते हुए सुरेन्द्रपालसिंह ने कहा कि सम्मान कोई छोटा या बड़ा नहंी होता सम्मान किसी के भी लिये प्रेरणा व आयाम होता है। उन्होेंने युवाओं का आव्हान किया कि यदि उन्होंने कहा कि यदि जीवन में माता-पिता का हाथ पकड़े़ रहे तो जीवन में किसी के पैर पकड़़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जो देश विरोधी नारें लगाये तो उसके मुंह में जूतियंा ठूंठ दो। यदि देश में एकता इसी प्रकार बनी रही तो देश को किसी चीज का कोई खतरा नहीं होगा। इससे पूर्व में सभी को महाभारत के अंदाज में आयुष्मान भव,महिलाओं को अखण्ड सौभाग्यवती का आशीर्वाद दिया लेकिन महिलाओं को सहस्त्रपुत्ऱ का आशीर्वाद यह नहीं कहते हुए दिया कि महाभारत में भीष्म ने गांधारी को यह आशीर्वाद दिया तो उसका क्या परिणाम निकला।  
प्रारम्भ में अतिथियों का संस्था के अध्यक्ष राजेश खमेसरा ने बताया कि सृजन द स्पार्क द्वारा खोले गये नये सेन्टरों पर भी शीघ्र ही जश्न-ए-परवाज़ कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगें। शीघ्र ही शहर में संगीत विश्वविद्यालय की स्थापना की जायेगी।  
इस बार ख्यातनाम गायिका उषा मंगेशकर को लाइफ टाईम अचीवमेन्ट अवार्ड प्रदान किया जायेगा। पुरूस्कार स्वरूप इन्हें 1 लाख रूपयंे प्रदान किये जायेंगे।
कार्यक्रम में उभरती गायिका मरीशा दीक्षित, महत्वा वर्मा व कनिष्का वर्मा ने प्रारम्भ में अपनी मधुर आवाज में ‘मौला-मौला मेरे मौला....‘,‘चेहरे पे लिख के लाया हूं तो क्या मांगू,तुम्हीं समझ लो....‘ जैसे सूफी गीतों की प्र्रस्तुतियंा दे कर सभी दिल जीत लिया।
हिन्दुस्तान ज़िंक सृजन अवार्ड हिन्दुस्तान जिं़क के सहयोग से ख्यातनाूम गायिका उद्वाा मंगेशकर को लाईफ टाईम अचीवमेन्ट अर्वाड दिया गया। जिसमें एक लाख रूपये की राशि दी गई। यह अवार्ड डीआईजी प्रसन्न कुमार खमेसरा,राजेश खमसेरा,शैलेष लोढ़ा,डाॅ. स्वाति लोढ़ा, हिजिंलि के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा, मुख्य वित्त अधिकारी स्वयं सौरभ,राजेन्द्र शर्मा,दिनेश कटारिया, जी.आर.लोढ़ा, कंचनसिंह हिरन, दिलीप सुराणा,अब्बासअली बन्दंुकवाला ने प्रदान कर उषा मंगेशकर सहित अन्य कला प्रेरकों को सम्मानित किया।
 ़  इस अवसर पर उषा मंगंेशकर ने कहा कि दीदी कैसे गाती है, यह दुनिया जानती है। मुझे विश्वास है कि ऐसे गानें अगले 100 वर्षो तक नहीं आयेंगे। यहंा आयी तो मुझे दीदी लता मंगेशकर ने कहा कि वह अवार्ड ला कर मुझे दिखाना। समारोह में उन्होंने लता द्वारा गाये देशभक्ति गीत ‘ऐ मेरे वतन के लागों,जरा आंख में भर लो पानी....‘, को अपनी आवाज दी तथा 42 वर्ष पूर्व गाये गीत फिल्म संतोषी माता के गीत ‘मैं तो आरती उतारूं रे,संतोषी माता की...ं‘
गाया तो दर्शकों ने तालियों के साथ अभिवादन किया। दर्शकों ने खडे हो कर  उषा मंगेशकर का अभिवादन किया।


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