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आदर्श ग्राम विशमा में मनाया विश्व कृषक महिला दिवस

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05 Dec 19
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आदर्श ग्राम विशमा में मनाया विश्व कृषक महिला दिवस

उदयपुर | महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर द्वारा  पंचायत समिति सायरा के गोद लिए गऐ आदर्श ग्राम विशमा में आज विश्व
कृषक महिला दिवस मनाया गया। इस अवसर पर विशमा एवं ऑइला तथा आसपास के गांव की १०० से अधिक कृषक महिलाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि समुदाय एवं व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता प्रोफेसर ऋतु सिघवी ने ग्रामीण महिलाओं को पोषक आहार, शारीरिक स्वास्थ्य, स्वावलंबन आत्मनिर्भरता, दक्षता विकास हेतु प्रशिक्षण तथा कृषि मे श्रम को कम करने हेतु विश्वविद्यालय द्वारा विकसित उपकरणों तथा खेत में कार्य करते समय विशेष प्रकार के वस्त्र एवं मास्क का उपयोग करने तथा स्वयं के साथ-साथ अपने परिवार एवं बच्चों का ध्यान रखना की बात कही।

इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं प्रसार शिक्षा निदेशक प्रोफेसर एस एल मूंदडा ने बताया कि यहां के ग्रामीण कृषको एवं महिलाओं के लिए विश्वविद्यालय के सभी वैज्ञानिक अपनी सेवाएं देने के लिए तत्पर हैं यह उनके लिए घर बैठे गंगा नहाने के समान है उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने ग्रामीण कृषकों के लिए आम, पपीता, टमाटर, गेहूं इत्यादि की उन्नत पौध  एवं बीज उपलब्ध करवाऐ हैं, साथ ही खरपतवार नाशी तथा उनके उपयोग की विधियां हेतु दक्षता विकास प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किए हैं। उन्होंने कहा कि पशुपालन एवं उन्नत खेती के द्वारा यहां के कृषक अपने आय को दोगुना कर सकते हैं उन्होंने किसान महिलाओं को कुरीतियों को छोडने एवं कृषि विकास की ओर ध्यान देने की बात कही। इस अवसर पर कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एवं आदर्श ग्राम हाईला और विशमा के नोडल अधिकारी प्रो. आई. जे. माथुर ने बताया कि विश्वविद्यालय विगत १ साल से इन गांवों में कार्य कर रहा है तथा यहां की महिलाओं ने १० से अधिक स्वयं सहायता समूह बनाऐे हैं जिनमें प्रत्येक में १० महिलाएं जुडी हुई हैं उन्होंने यहां की प्रगतिशील कृषक एवं संस्था समूह की पदाधिकारी श्रीमती ज्योति गरासिया का उदाहरण देते हुए बताया कि इन्होंने आपने छोटे से खेत मे ६०० टमाटर के पौधे लगाए जिनसे ३ माह में घ्११८०००/- की आय अर्जित की है तथा फसल के रहते और भी आमदनी की जा सकती है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा राज ४०७९ गेहूं, तारामीरा, सिरोही नस्ल के बीजू बकरे और प्रतापधन मुर्गियाँ प्रदान की गई हैं। उन्होंने महिलाओं को सिलाई प्रशिक्षण एवं जल संरक्षण पर प्रशिक्षण देने की बात भी कही। इस अवसर पर मत्स्यकी विशेषज्ञ डॉ. एम.एल.ओझा ने महिलाओं को मत्स्य बीज पालन व बहुरंगी मछली पालन से आय प्राप्त करने की जानकारी दी। कार्यक्रम के विशेष अतिथि मत्स्यकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो. सुबोध शर्मा ने
कृषि में ग्रामीण महिलाओं के योगदान की सराहना की साथ ही उन्होंने पोषक आहार मे मछली के महत्व, शारीरिक स्वास्थ्य एवं बच्चों की शिक्षा-दीक्षा की सलाह भी दी।

कार्यक्रम का संचालन प्रसार शिक्षा निदेशलय की प्रो. लतिका व्यास ने किया उन्होंने ग्रामीण महिलाओं को खेती के विभिन्न कार्यों में दक्षता हासिल करने के लिए प्रशिक्षण की बात कही, उन्होंने बताया कि किस प्रकार कृषक महिलाएं खेत की तैयारी से लेकर कटाई तक विभिन्न कृषि कार्य करती हैं साथ ही पशुपालन एवं परिवार की देखरेख की जिम्मेदारी भी निभाती है। उन्होंने विश्व महिला दिवस पर सभी महिलाओं को उत्सव की तरह मनाने और अच्छे कपडे पहन कर आने पर बधाई दी। इस अवसर पर सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की प्रो. विशाखा बंसल, मैडम शिप्रा, डॉ. सुमित्रा मीना, राजीविका समूह की श्रीमती आरती गौतम, आई सी आई सी आई बैंक के श्री रवि चौहान, शाला के प्रधानाध्यापक श्री बंसी लाल सालवी व श्रीमती रितु गिलूंडिया ने भी आगंतुक महिलाओं को संबोधित किया। इस अवसर पर ग्रामीण महिलाओं ने जागरूकता मे गीत गाऐ तथा प्रश्नोत्तरी मे भाग भी लिया जिसके लिए प्रथम रह ५ महिलाओं को पुरस्कृत भी किया गया।


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