GMCH STORIES

उदयपुर में पहली बार राष्ट्रीय दृष्टिहीन क्रिकेट चैम्पियनशिप- 2019

( Read 9025 Times)

29 Nov 19
Share |
Print This Page
उदयपुर में पहली बार  राष्ट्रीय दृष्टिहीन क्रिकेट चैम्पियनशिप- 2019

उदयपुर  । भारत में क्रिकेट की लोकप्रियता इस हद तक है कि जब भी इसके गली से लेकर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक के टूर्नामेंट होते हैं तो क्रिकेट प्रेमियों की रंगों में यह खेल जुनून की तरह संचारित होने लगता है । 

उदयपुर में भी एक राष्ट्रीय क्रिकेट प्रतियोगिता होने जा रही है, जिसमें मैदान पिच, क्रिकेट, बाॅल तो अलग होेंगे ही खिलाड़ी भी विशिष्ट (दृष्टिहीन) होगें और अनूठा होगा, उनके खेलने का अंदाज भी । 

नारायण सेवा संस्थान, क्रिकेट एसोसियशन फार द ब्लाइंड इन इण्डिया एवं राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन आॅफ द ब्लाइंड के संयुक्त तत्वावधान में इस चार दिवसीय राष्ट्रीय क्रिकेट चैम्पियनशिप का आयोजन 30 नवम्बर से 3 दिसम्बर 2019  तक होगा । टूर्नामेंट लीग आधार पर खेला जायेगा ।

कई टीमें लेंगी हिस्सा:- उदयपुर में पहली बार आयोजन । 

राष्ट्रीय दृष्टिहीन क्रिकेट चैम्पियनशिप में कुल 6 टीमें भाग लेंगी । राजस्थान, केरल, प. बंगाल, गोवा, मध्यप्रदेश और गुजरात की ये टीमें 29 नवम्बर को उदयपुर पहुंचेगी । प्रत्येक टीम दो-दो मैच खेलेगी । शीर्ष की दो टीमें फाइनल मैच खेलेगी । विजेता व उप विजेता टीम के साथ ही मेन आॅफ द मैच, मेन आॅफ द सीरीज, श्रेष्ठ गेंदबाज, श्रेष्ठ बल्लेबाज, श्रेष्ठ फिल्डर आदि का भी चयन कर उन्हें पुरस्कृत किया जायेगा ।

उद्घाटन एवं समापन:

राष्ट्रीय दृष्टिहीन क्रिकेट चैम्पियनशिप का उदघाटन महाराणा भूपाल काॅलेज ग्राउण्ड पर 30 नवम्बर को प्रातः 10.30 बजे होगा । उदघाटन मैच राजस्थान v/s प. बंगाल के बीच में खेला जायेगा । टुर्नामेंट का समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह विश्व विकलांगता दिवस 3 दिसम्बर 2019 को एम.बी. काॅलेज ग्राउण्ड पर ही अपराह्म 3 बजे होगा । दिनांक 1 व 2 दिसम्बर के लीग मैच नारायण सेवा संस्थान के डबोक - धूणीमाता (एयरपोर्ट रोड) स्थित भूमिमाता परिसर मैदान में सम्पन्न होगें । इस चैम्पियनशिप में कुल 7 मैच खेले जायेगें । 

सभी व्यवस्थाएं पूर्ण  

चैम्पियनशिप सम्बंधी सभी आवश्यक तैयारियां संस्थान की विभिन्न उपसमितियों की देखरेख में पूरी कर ली गई हैं । आने वाली सभी टीमों, प्रबंधकों एवं अम्पायरों के आवास एवं भोजन की व्यवस्था संस्थान के स्मार्ट विलेज सेवा महातीर्थ बड़ी में की गई है । खिलाड़ियों व प्रबंधकों को आवास स्थल से ग्राउण्ड तक आने-जाने के लिये वाहन उपलब्ध रहेंगे । साथ ही दुर्घटनाओं से निपटने के लिये मैदान पर प्राथमिक चिकित्सा, अग्निशमन व एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है । 

दिव्यांगों के सर्वांगीण विकास में संस्थान के प्रयास 

सन् 1985 से दिव्यांगों के दर्द को समझकर विकलांगता के क्षेत्र में सेवा का  बीडा उठाने का संकल्प लेनी वाली नारायण सेवा संस्थान सम्पूर्ण भारत में दिव्यांगों के सेवार्थ पुनर्वास, स्वरोजगार, आॅपरेशन, विवाह एवं सहायता के अनेक प्रकल्प चलाता आ रहा है । संस्थान के संस्थापक पदमश्री कैलाश मानव तथा अध्यक्ष श्री प्रशांत अग्रवाल की परिकल्पना है कि दिव्यांगों के विकास एवं पुनर्वास के लिये संस्थान के प्रयासों को समाज के सहयोग से बढ़ाया जाए । इसी संकल्पना से उदयपुर में ’’ राष्ट्रीय दृष्टिहीन क्रिकेट चैम्पियनशिप’’ में सहभागिता की जा रही है, ताकि दिव्यांग खेल प्रतिभाएं प्रोत्साहित हो। 

मोदी जी ने सराही थी पैरा स्वीमिंग स्पर्धा 

नारायण सेवा संस्थान ने राष्ट्रीय पैरा स्वीमिंग चैम्पियनशिप का आयोजन भी 2017 में करवाकर देश के प्रधानमंत्री का ध्यान उदयपुर एवं दिव्यांगो की प्रतिभा की ओर आकर्षित किया था । जिसका जिक्र ’मन की बात’ में प्रधानमंत्री ने किया था । इस प्रतियोगिता में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक जीतने वाले पैरा-स्वीमर ने भी सहभागिता की थी । इसका उद्घाटन तत्कालीन कैन्द्रीय खेलमंत्री इंद्रजीत सिंह राव एवं देश-प्रदेश के नामी पैरा खिलाड़ियों व जनप्रतिनिधियों ने किया था । 

ब्लाइंड क्रिकेट की मेलबर्न मे पडी नींव 

भारत में वर्ष 1990 से दृष्टिहीन क्रिकेट को प्रतियोगिताएं शुरू हुईं । वर्ष 2012 में भारत में पहला टी-20 विश्व कप का आयोजित किया गया । खिताब भारत के नाम रहा । ब्लाइंड क्रिकेट व खिलाडियों को सामान्य क्रिकेट की तरह लोकप्रिय बनाने के प्रयास किये जाएं ताकि दिव्यांगो के सशक्तीकरण की दिशा में एक सार्थक पहल हो सकें । 

कुछ खास हैं नियम दृष्टि बाधित क्रिकेट के:

70 गज के मैदान की तुलना में 50 गज के मैदान पर खेलते है । टीम में तीन श्रेणी के खिलाडी होते है- बी-1, बी-2, एव ंबी-3 पहेली श्रेणी में (जिनके पास कोई दृष्टि नहीं-4 खिलाडी) दूसरी श्रेणी - 4 खिलाड़ी इन दिव्यांगों के पास 4 मीटर की दृष्टि होती है । अन्तिम तीसरी श्रेणी में -7 मीटर तक की दृष्टि के खिलाड़ी होते हैं ।

घुँघरी बजती गेंद:

ब्लाइंड क्रिकेट में इस्तेमाल होने वाली गेंद साधारण गेंद से बडी होती है । ये प्लास्टिक की होती है इसमें बाॅल बेअरिंग डाले जाते हैं जिससे झुनझुने की आवास आती रहती है । इनकी आवाज से दृष्टिहीन खिलाड़ी को गेंद का अंदाजा लगता है । बाॅलर रेडी काॅल करेगा इसके बाद बेटसमैन यस बोलता है, तब गेंदबाज प्ले बोलते हुये अंडर आर्म गेंद फैंकता है जिससे बल्लेबाज और फिल्डर   जान जाते है कि बाॅल फैंकी जा रही है । जैसे ही बल्लेबाज घुंघरू की आवाज सुनता है तो शाॅट खेल लेता है ।   

 नेत्रदान का संदेश:  

इस क्रिकेट चैम्पियनशिप के माध्यम से संस्थान नेत्रदान के प्रति समाज को जागरूक करने का भाव रखता है । मृत्यु के बाद हमारी आंखें किसी दृष्टिहीन की नेत्र ज्योति बन जाये यह एक बडा काम हो सकता है । इसलिए ’नेत्रदान-महादान’ के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है । 

स्पेशल काॅमेंट्री और लाइवः 

दृष्टिहीन क्रिकेट का लुत्फ उठाने आये क्रिकेट प्रेमियों के लिये काॅमेंट्री की व्यवस्था की गई है तथा इस प्रतियोगिता को जन-जन में दिखाने के लिये फेसबुक और यूट्यब पर लाइव प्रसारित किया जायेगा ।           

ब्लाइन्ड चैम्पियनशिप-2019 की जानकारी सर्वजन मैं पहुंचाने के लिए गुरूवार को आयोजित प्रेस वार्ता में बोलते हुए पी.आर.ओ विष्णु शर्मा ’हितैषी’ ने कहा कि संस्थान के इस आयोजन से सामान्य मानवी को हार न मानने की प्रेरणा मिलेगी। संस्थान के प्रवक्ता ओमप्रकाश सिलन ने बताया कि यह आयोजन उदयपुर के गौरव को बढ़ायेगा तथा दिव्यांग प्रतिभागियों की दशा-दिशा सुधारने में अहम भूमिका अदा करेगा। 
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन आॅफ द ब्लाइंड के प्रतिनिधि दिव्यांग प्रतिभागी जुगलकिशोर व्यास ने सम्बोधित करते हुए राजस्थान की ब्लाइंड टीम की उपलब्धियों को गिनाया। घेवर रेबारी संयोजक आर.सी.ए.बी. ने उदयपुर में होने वाले टूर्नामेंट के लिए नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशान्त अग्रवाल का धन्यवाद अर्पित किया और ब्लांइड क्रिकेट की तकनीकी जानकारी दी। वार्ता के दौरान चैम्पियनशिप-2019 के पोस्टर का विमोचन किया गया जिसमें संस्थान पदाधिकारी भगवान प्रसाद गौड़, रजत गौड़ विकास निगम, सूरज राठौड़ आदि उपस्थित रहे। 

संदेश

 इस चेैम्पियनशिप के माध्यम से आप और हम यह संदेश पहूंचाने का प्रयास करेगें कि दृष्टिहीन बंधु-बहिनों सहित दिव्यांगों के प्रति समाज का सतत् सकारात्मक दृष्टिकोण रहे और उनके सर्वागीण विकास में योगदान जारी रहे । 


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Udaipur News , Sports News
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like