उदयपुर । नारायण सेवा संस्थान के बड़ी स्थित प्राकृतिक चिकित्सालय में राष्ट्रीय प्राकृतिक दिवस पर सोमवार को प्रकृति की ओर लौटें विषयक वार्ता का आयोजन हुआ। इस अवसर पर पद्मश्री कैलाश 'मानव' ने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा का वास्तविक लक्ष्य केवल शारीरिक ही नहीं, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य भी उपलब्ध कराना है। क्योंकि मानसिक तथा आध्यात्मिक सुधार के बिना शारीरिक स्वास्थ्य स्थाई नहीं रह सकता। इसलिए हमें प्रकृति की और लौटते हुए उसकी गोद में स्वास्थ्य को अक्षुण्ण रखने वाली जो वनस्पतियां है उनका संरक्षण करते हुए उनसे लाभ लेना चाहिए। चिकित्सालय प्रभारी मानस रंजन साहू ने कहा कि जीवित शरीर मशीन के यंत्र की तरह है, जिसका संचालन प्राण रूपी सूक्ष्म शक्ति से होता है। यही शक्ति भौतिक पदार्थों का सार ग्रहण करके शरीर को पोषित करती है।संतुलित आहार ग्रहण न कर पाने पर पाचन तंत्र प्रभावित होता है, जो सभी रोगों की जड़ है। यदि प्रकृति के साथ तादात्म्य स्थापित कर जीया जाए तो शरीर सदैव निरोग रहेगा।