उदयपुर | संगीत नाटक आकदेमी, नई दिल्ली द्धारा भारतीय लोक कला मण्डल के सहयोग से आयोजित हो रहे ५ दिवसीय राष्ट्रीय पुतुल नाट्य समारोह के तीसरे दिन हुए पुतुल नाटक ’’चंडालिका‘‘ एवं दलों तलवाडी‘‘ तथा ’’रामायण‘‘ का मंचन हुआ।
भारतीय लोक कला मण्डल के निदेशक डॉ. लईक हुसैन ने बताया कि संस्था के मुक्ताकाषी रंगमंच पर आयोजित किये जा रहे पुतुल समारोह में दिनांक १६ नवंबर, शनिवार को समकालीन छडपुतुल थिएटर, त्रिपुरा, के प्रभिताग्ंशु दास द्वारा निर्देशित कठपुतली नाटक ’’चंडालिका‘‘ एवं समकालीन छडपुतुल थिएटर, मेहर -द-ट्रूप, गुजरात के श्री मानसिंह झाला द्वारा निर्देशित नाटक दलों तलवाडी‘‘ तथा केरल के स्कूल ऑफ तोलपावाकूथु दल के सदानंद पुलावर द्वारा निर्देशित पुतुल नाटक ’’रामायण‘‘, का मंचन किया गया।
उन्होने बताया कि पुतुल नाटक ’’चंडालिका‘‘ रवींद्र नाथ टैगोर के नाटक चंडालिका पर आधारित है। जो प्राचीन समय में भारतीय समाज में व्याप्त अस्पृश्यता जैसी कुरीति पर आधारित एक साहित्यिक प्रस्तुति है। प्रकृति (चंडालिका) एक निम्न जाति की लडकी है। जिसे उसके पडोसियों द्वारा तिरस्कृत किया जाता है, उसे इस हद तक प्रताडत किया जाता हैं, कि सडक पर सामान बेचने वाले भी उसे अपना सामान नहीं बेचते हैं। वह अपने भाग्य को कोसती है तथा अपनी मां से इस बात के लिए झगडती है कि क्यों उसकी मां जन्म देकर उसे इस निर्दयी समाज में लेकर आयी।
कार्यक्रम की दूसरे पुतुल नाटिका दलों तलवाडी‘‘ गुजरात की एक लोक कथा पर आधारित है। जिसमें एक गाँव में दल तरवाडी और दली तरवाडी नामक पति- पत्नी होते है जो चोर एवं कंजूस प्रवृत्ति के होते है। उन्हे बैंगन बहुत पसंद होते और वे रोज पैसा बचाने के लिए चोरी करते थे, अन्त में एक किसान द्वारा उन्हे सबक सिखाया जाता है।
अंत में पुतुल नाटक ’’रामायण‘‘, जो दक्षिण भारत के प्रसिद्ध तमिल महाकाव्य कंबन रामायण पर आधारित थी। जिसमें छाया पुतलियों के माध्यम से विभिन्न दृष्यों को मंचित किया गया।
समारोह में १७ नवम्बर को समकालीन पुतुल थिएटर के अन्तर्गत पं.बंगाल डॉल्स थिएटर दल द्वारा टेमिंग आफ द वाइल्ड, निर्देशन- सुदीप गुप्ता, कटकथा पपेट आर्टस ट्रस्ट दिल्ली द्वारा अबाउट राम, निर्देशक-अनुरूपा रॉय, पारंपरिक छड पुतुल थिएटर, पं.बंगाल के शैली में टाकी पुतुल नाच पार्टी द्वारा सोनाड डिघी, निर्देशक- मदन मोहन हालदार होगा ।