विवेकानंद स्कूल,छावनी स्थित 45 वर्षीय सरदार सुखजिंदर सिंह जी हृदयगति रुक जाने के कारण घर पर ही मृत्यु हो गयी । कम उम्र में ही उनकी मृत्यु हो जाने के से घर पर शोक का माहौल हो गया । सुखजिंदर के पिता की काफ़ी समय पहले मृत्यु हो चुकी थी ,उसके बाद से इन्होंने और इनकी पत्नि इंद्रजीत कौर ने अपनी माँ और परिवार को संभाले रखा । कल ही उनके बेटे तमनदीप सिंह का भी जन्मदिन था,इस समय वह कनाडा में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहा है,पिता की मृत्यु की ख़बर सुनकर शायद वह कहीं अवसाद में न चल जाये,इस कारण से फ़िलहाल उसको अभी यह शोक की ख़बर नहीं दी गयी है ।
सुखजिंदर जी की मृत्यु होने के बाद उनकी पत्नि ने चाहा था कि,किसी तरह से उनके नेत्रदान हो जाये,जिससे कम से कम वह किसी की आँख में रोशनी बनकर तो रह सकेंगे । परन्तु वहीं पर किसी ने यह कह दिया कि नेत्रदान,मृत्यु के बाद सिर्फ 2 घंटे के अंदर ही संभव है,तो इस कारण परिवार वालों की ओर से प्रयास नहीं हो सका । करीब 5-6 घंटे बीत जाने के बाद पुनः किसी ने नेत्रदान करवाने के लिये शोकाकुल परिवार को सम्पर्क किया,उन्होंने ही उनको समझाया कि मृत्यु के बाद 6 से 8 घंटे के अंदर, सर्दियों के समय में 12 घंटे के अंदर व यदि शव डीप फ़्रीज में रखा हो तो 24 घंटे में भी नेत्रदान संभव है। यह पता होने के बाद टीम शाइन इंडिया फाउंडेशन को संपर्क किया गया , जिसके बाद घर पर ही देर रात नेत्रदान की प्रक्रिया सम्पन्न हुई ।