उदयपुर, महाराणा मेवाड चेरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर द्वारा महाराणा राजसिंह जी की ३९०वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में ’’मेवाड के जलदाता-महाराणा राजसिंह प्रथम‘‘ नामक प्रदर्शनी लगाईर् गई। प्रदर्शनी ३१ अक्टूबर तक के लिए मेवाड के पांच प्रमुख स्थलों कैलाशपुरी के श्रीएकलिंगनाथजी मन्दिर, नाथद्वारा के श्रीनाथजी मंदिर, कांकरोली के श्रीद्वारकाधीशजी मंदिर, उदयपुर के सिटी पैलेस म्यूजियम व वीर भवन, महाराणा प्रताप स्मारक, मोती मगरी पर प्रदर्शित की गई है।
मेवाड के महाराणा राजसिंह जी के सौभाग्य से वैष्णव सम्प्रदाय के श्री द्वारकाधीशजी, विठ्ठलनाथजी तथा श्रीनाथजी मेवाड पधारें, तभी से मेवाड के ५८वें श्री एकलिंग दीवान महाराणा राज सिंह जी को ’वैष्णव सम्प्रदाय के धर्मध्वजी‘ भी कहा जाता रहा है। महाराणा राजसिंह (प्रथम) से लेकर अब तक, मेवाड के सभी वंशधरों का ठाकुरजी में अपार श्रद्धा रही है और मंदिर संबंधी परम्पराओं का निर्वहन भी किया जाता है।
नाथद्वारा के मोती महल में लगी इस प्रदर्शनी का आज नाथद्वारा के तिलकायत परिवार से गोस्वामीजी श्री विशाल बावा ने अवलोकन किया, जहां महाराणा मेवाड चैरिटेबल फाउण्डेशन की की ओर से पूर्वा भाटिया ने उन्हें फाउण्डेशन एवं प्रदर्शनी संबंधी जानकारियां प्रदान की। गोस्वामी जी ने ऐसे आयोजनों को आवश्यक तथा श्रद्धालुओं एवं जिज्ञासुओं के लिए बहुपयोगी बताया। उन्होंने बताया कि दीपावली एवं गोवर्धन पूजा से ही गुजरात से आए हजारों श्रद्धालु रोजाना इस प्रदर्शनी से मेवाड एवं ठाकुर जी के ऐतिहासिक वृत्तांत को समझ पा रहे है।