उदयपुर / विश्व फोटोग्राफी दिवस के मौके पर सोमवार को अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) नरेश बुनकर द्वारा क्लिक किया गया एक फोटो एक अनूठा ही संदेश दे गया।
फोटो में चावल के दानों के पास मोरनी, तोता, गिलहरी और ग्रे-हॉर्नबिल साथ-साथ दिखाई दे रहे हैं। अलग-अलग प्रकृति वाले ये जीव पेट की खातिर एक स्थान पर दाना चुग रहे हैं और पास के खतरे से भी नावाकिफ हैं। फोटो में आमतौर पर गिलहरी और तोतों के बच्चों को कोटर से उठाने वाला शिकारी पक्षी हॉर्नबिल भी पास में बैठा दिखाई देता है।
पक्षी विशेषज्ञ विनय दवे बताते हैं कि हॉर्नबिल का दूसरा नाम संतानप्रिय है और इसकी मादा अपने कोटर को बीट से बंद कर देते हैं और कोटर का मुंह उतना ही खुला रखते है जिससे की चोंच बाहर आ सके। इसके बाद मेल भूखा रहकर भी अपनी मादा और बच्चों के लिए भोजन की व्यवस्था करता है। बच्चों के बडे़ होने के बाद कोटर को तोड़कर आई मादा अत्यंत कमजोर हो जाती है और अन्य शिकारी पक्षी इसका शिकार कर देते हैं। अपनी जान पर खेलकर संतान को बड़ा करने वाले इस पक्षी को इसी वजह से संतानप्रिय कहते है तथा कुछ लोग अपनी संतति की रक्षा से जुड़े अंधविश्वास के कारण इसका शिकार भी करते हैं।