आर एन टी मेडीकल कॉलेज में इस वर्ष प्रवेश लेने वाले नावगुंतक हर छात्र छात्रा अपनी अब पानी की बोतल लेकर आता है पर ये पानी कितना सुरक्षित है यह बताया डॉ पी सी जैन ने जो दो दशकों से जल संरक्षण अभियान में लगे हुए है।ज़्यादातर के पीने का पानी लौ टी डी एस बहुत कम था जो एक भूखा जल होता है और शरीर से मिक्रोन्यूट्रिएंट्स निकाल लेता है और बच्चो के विकास और बूढो के स्वास्थ्य के लिए घातक है। विश्व स्वास्थ्य संघटन के अनुसार टी डी एस 250 से ऊपर ही स्वास्थ्य के लिए अनुकुल है। पानी की जांच डॉ घनश्याम गुप्ता ने की जिसमे टी डी एस एवम पानी का पीच भी जांचा गया। मेडिकल छात्रों को गिरते भूजल से शरीर मे होने वाली बीमारियों जैसे फ्लोरोसिस के बारे में भी बताया गया।छात्रों को रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग के बारे मॉडल द्वारा जानकारी दी गई ताकि भविष्य में इन जल जनित बीमारियों से बचा जा सके। नावगुंतक छात्र-छात्राओं ने *सूखा हैंड पंप *नाटिका का सफल।मंचन कर हैंड पंप,ट्यूबवेल, वेल इत्यादि को छत के वर्षा जल से रिचार्ज करने का संदेश दिया। धन्यवाद डॉ घनश्याम गुप्ता प्रोफेसर एनोटॉमी ने डॉ पी सी जैन को ज्ञापित किया । |
विदिशा
कनिष्का
आदित्य
काजल
लक्ष्मी
हर्षित
यशस्वी
सबिस्ता
संदीप
निकिता
ने नाटिका में भाग लिया |