राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के तत्वावधान् में श्रीमान रविन्द्र कुमार माहेश्वरी अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उदयपुर के निर्देशों के क्रम में तीन माह तक बाल विवाह रोको अभियान चलाया जा रहा है ।
श्रीमती रिद्धिमा शर्मा, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उदयपुर ने जानकारी दी की बाल विवाह रोकने के क्रम में उदयपुर मुख्यालय एवं तालुकाओं पर विधिक जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है । ग्रामीण क्षेत्रों मे जाने वाली बसों के अन्दर भी बाल विवाह रोकने बाबत् पोस्टर चिपकाए गए है । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उदयपुर द्वारा राजस्थान महिला गेलडा उच्च माध्यमिक विद्यालय में बाल विवाह रोकने बाबत् शिविर का भी आयोजन किया गया ।
श्रीमती रिद्धिमा शर्मा ने यह भी जानकारी दी कि बाल विवाह रोको अभियान अप्रेल से जून तीन माह तक चलेगा । जिला प्रशासन उदयपुर द्वारा बाल विवाह की रोकथाम हेतु कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है ।
श्रीमती रिद्धिमा शर्मा ने यह भी बताया कि बाल विवाह के आयोजन के दौरान निम्न व्यक्तियों की गिरफतारी के भी प्रावधान है ः-
१. बाल विवाह में उपस्थित बराती ।
२. बाल विवाह में उपस्थित जन समूह ।
३. बाल विवाह आयोजन के दौरान उपस्थित बैंड बाजे वाले ।
४. लाईट डेकोरेशन करने वाले
५. बाल विवाह में ढोल नगाढे बजाने वाले
६. बाल विवाह करवाने वाले पंडित
७. बाल विवाह में खाना बनाने वाले हलवाई
८. बाल विवाह के आयोजन के लिए घोडी बग्गी ले जाने वाले ।
९. बाल विवाह का कार्ड छापने वाले ।
१०.बाल विवाह के दौरान विडियोंग्राफी करने वाले ।
११.बाल विवाह के आयोजन के लिये किसी भी अन्य तरह से मदद करने वाले व्यक्ति ।
श्रीमती रिद्धिमा शर्मा ने यह भी बताया की उपखण्ड स्तर पर, एस.डी.एम. तहसीलदार, नजदीकी पुलिस थाने एवं जिला स्तर पर जिला कलेक्टर, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं पुलिस कंटोल रूम एवं बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी को सूचना प्रेषित की जाकर बाल विवाह रूकवाया जा सकता है । विवाह के लिये लडके की उम्र २१ वर्ष से अधिक एवं लडकी की उम्र १८ वर्ष से अधिक होनी चाहिये ।