उदयपुर| जीवोत्थान प्रकाशनालय संस्थान धाम में संस्थान के संरक्षक साहित्यकार शिक्षाशास्त्री महर्षि यादवेन्द्र के नेतृत्व में महावीर स्वामी जयन्ती के पूर्व दिवस पर सस्वर भक्तांबर स्तोत्र का पाठ तथा महावीर स्वामी के आदर्श पर विचाराभिव्यक्ति का आयोजन तथा विधिक साक्षरता के दो दिवसीय कार्यक्रम शुरू किया गया। महर्षि यादवेन्द्र ने स्वामी के चरित्र पर प्रकाश डाला।संस्थान में विधिक साक्षरता कार्यक्रम के अन्तर्गत आपसी सहमति से राजीनामा पद्धति पर क्रियान्विति परंपरानुसार की । संसार में उच्च स्तरीय पाठ्यक्रम तो संबंधित संस्थानों से उत्तीर्ण किये जासकते हैं किन्तु साधना – तप या त्याग का प्रमाणपत्र- प्रदान स्वयं द्वारा ही उक्त कठिन जीवनचर्या से परमेश्वर को निष्काम समर्पित होने पर संभव हो सकता है। किसी व्यक्ति के जीवन का अतीव सौभाग्य का क्षण वह हो सकता है कि किसी जरुरत वाले प्राणी को कोई तकलीफ बिना यथायोग्य सहयोग अपन से हो जाय। किसी अच्छे सज्जन का भला नहीं तो बुरा भी न हो जाए। यह महापुरुषों से सीखना चाहिए। जीवोत्थान संस्थान द्वारा प्राच्याधुनिक विषयोपविषयों के ज्ञानाभ्यास तथा प्रचार-प्रसार सेवाओं का यथायोग्य विस्तार किया जाएगा। यह जानकारी संस्थान के चेयरमैन महर्षि यादवेन्द्र जीवोत्थान ने व्यक्त की।