उदयपुर । कुरुक्षेत्र (हरियाणा) की मूल निवासी नरेन्द्र कौर का विवाह वर्ष २००९ में हुआ। सुखमय जीवन की आस लिए वह ससुराल आई थी, परन्तु उसने सपने में भी नही सोचा था कि उसके साथ कितना बुरा होने जा रहा है। कुछ दिन तो सब कुछ सामान्य चलता रहा, परन्तु उसके पश्चात ससुराल में उसे आए दिन दहेज की मांग को लेकर प्रताडत किया जाने लगा। नरेन्द्र के मध्यम वर्गीय पिता ने उसके विवाह में कोई कमी नही रखी थी। समस्त जमा पूंजी उन्होंने बेटी के विवाह में खर्च कर दी। अब उनके लिए आए दिन बेटी के ससुराल वालों की मांग को पूरा करना संभव नही था। जिसका खामियाजा नरेन्द्र को झुलस कर उठाना पडा। यही नही उसे घर से बेदखल भी कर दिया गया। नरेन्द्र को समझ नही आ रहा था कि वह झुलसा हुआ चेहरा लेकर अब कैसे जी पायेगी।वक्त ने करवट ली और उसे अपने किसी हितैषी से नारायण सेवा संस्थान की ओर से निष्पादित किये जा रहे विभिन्न निःशुल्क सेवा प्रकल्पों की जानकारी प्राप्त हुई। उसने नारायण सेवा संस्थान से मदद की गुहार लगाई। जिसे देखते हुए नरेन्द्र के चेहरे की प्लास्टिक सर्जरी की व्यवस्था संस्थान की ओर से दानवीर भामाशाहों के माध्यम से करवाई गई।