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राज्य के दो जिले सूखामुक्त करने का लक्ष्य

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18 Mar 19
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राज्य के दो जिले सूखामुक्त करने का लक्ष्य

उदयपुर। राष्ट्रपति पुरस्कार और लंदन के हाउस ऑफ कॉमन्स में सम्मानित होकर देश का नाम रोशन करने वाले भारतीय जैन संघटना के संस्थापक शांतिलाल मूथा ने कहा कि महाराष्ट्र में 5 जिले सूखामुक्त घोषित हो चुके हैं। किसान सुखी हैं। केंद्र और राज्य सरकार हमें बुला रही है। अगले वर्ष होने वाले अधिवेशन से पूर्व राज्य के कम से कम दो जिले सूखामुक्त होने चाहिए। आत्महत्या करने वाले किसानों के 1000 बच्चों को हम लेकर आये और पूना में पालन पोषण कर रहे हैं।
वे रविवार को संघटना के राज्य अधिवेशन ‘लक्ष्य‘ में मुख्य अतिथि के रूप में आशीर्वचन प्रदान कर रहे थे। इस अवसर पर संघटना की प्रदेश एवं जिला कार्यकारिणी को शपथ दिलाई गई। राज्य कार्यकारिणी द्वारा एक फोल्डर का विमोचन भी किया गया जिसमें संघटना के कार्यों की विस्तृत जानकारी दी गयी।
सौ फीट रोड स्थित शुभ केसर गार्डन में हुए कार्यक्रम में मूथा ने कहा कि हमारा जन्म भले ही यहां नहीं हुआ लेकिन वापस आने पर जिस तरह परिजन का स्वागत किया जाता है, उसी तरह मेरा स्वागत किया गया। मुझे बहुत हर्ष की अनुभूति हुई। हर आपदा में एक अवसर होता है। राजस्थानियों को देश के हर राज्य में भेज दिया। आधा प्रतिशत जैन कम्युनिटी देश भर में फैल गयी। जहां न पहुंचे बैलगाड़ी, वहां पहुंचे मारवाड़ी। बचपन अभावों में गुजरा। 34 सालों से लगातार समाजसेवा कर रहा हूँ। 31 की आयु में बिजनेस से रिटायरमेंट ले लिया। 24 की उम्र में बिजनेस शुरू किया था। व्यक्ति का मन परिवर्तन करना सबसे मुश्किल काम है और वहीं से मैंने आरम्भ किया। कोई भी काम सरल नहीं है। सभी आपकी परीक्षा लेते हैं। इतनी सहन शक्ति हो तो ही आप टिक पाते हैं। लोगों को समझना है तो उनके घर में जाना पड़ेगा।
फैमिली स्ट्रक्चर स्ट्रांग होना चाहिए, यह मन में रखा। 30 साल में जो बदलाव आए, उतने 500 साल में नही आये। अगर आप आउट ऑफ कॉन्टेस्ट हो जाएंगे तो कोई नही पूछेगा। वातावरण को आप रोक नही सकते इसलिए आपको उसमे अनुसार चलना होगा। वास्तविकता में जीना चाहिए। अगर प्रवचन से बदलाव आना होता तो लाखों साधु संत हैं। अपने बच्चों को जमाने से लड़ने के लोए कॉम्पिटेंट बनाना होगा। आग में कूदने वाला कुछ महीने की ट्रेनिंग से अगर आग से बचना सीख सकता है तो हमारी ट्रेनिंग से अपनी बेटियों को क्या जमाने से बचा नही सकते। आज के युग का सबसे बड़ा चैलेंज 5 से 7 साल के बच्चों के हाथ में मोबाइल है। बच्चों के लिए हमने सिर्फ इनिशिएटिव लिया। सरकार के सिस्टम के साथ जॉइंट किया और बदलाव लाये। अगर आपने डिजाइन ठीक किया, यूजर फ्रेंडली हैं और सिस्टम के माध्यम से लागू कोय है तो वो पक्का बदलाव लाता है।
संघटना के प्रदेशाध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने अतिथियों और प्रदेश भर से आये प्रतिनिधियों के स्वागत उदबोधन में कहा कि अतीत के कार्यों अवलोकन, भविष्य की योजनाओं और आत्मचिंतन पर चर्चा की गई। न केवल देश बल्कि दुनिया के लिए आदर्श है कि 20 वर्ष आगे की सोचता है और उसे अभी से क्रियान्वित करने की कोशिश करता है।
अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए संघटना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र लुंकड़ ने कहा कि राज्य के लिए बहुत सुखद है कि जहां फत्तावत और मूथा का मिलन हुआ। समाज में विवाह के खर्चों को कैसे रोका जाए इस सोच से शुरू हुआ यह आंदोलन अब राष्ट्र के उत्थान तक पहुंचा है। सामूहिक विवाह का प्रकल्प श्री मूथा की देन है। अपने बिजनेस को 10 साल तक लगातार एक जैसा चला पाना हमारे लिए मुश्किल है। ऐसे में 35 वर्षों से समाजसेवा का काम कर पाना क्या स्थिति हो सकती है, आप सोच सकते हैं। 1993 में लातूर भूकंप से संघटना डिजास्टर कार्य में आया। गुजरात में 90 दिन में 368 स्कूल बनाना। अपना काम खत्म करके आगे बढ़ जाना। पुराने कार्य को कब तक याद रखेंगे। ये हमें संघटना की लीडरशिप सिखाती है। हम श्रेष्ठ बनें या नही, लेकिन हम यदि 10 जनों को भी श्रेष्ठ कर पाएं तो यही हमारी सफलता है। यही संघटना हमें सिखाता है। समाज, देश को बदले, ऐसा कार्य हम करें। आधारभूत कार्य होने चाहिए। देश भर में पानी की समस्या जैन समाज के माध्यम से कर सकते हैं, ऐसा प्रधानमंत्री का सोचना है, यह हमारे लिए गौरव की बात है। एक साथ 10 हजार गांव में पानी की समस्या को दूर करने की बात करने वाला व्यक्ति हमारा लीडर है। व्यक्ति के साथ नहीं, विचारधारा के साथ जुड़ना चाहिए। सिर्फ समस्याओं पर नहीं, उसके समाधान पर ध्यान देने की जरूरत है। 2007 में बेटी बचाओ पर संघटना ने ध्यान दिया और सक्ष्मीकरण कार्यक्रम किये। सिर्फ बैनर टांगने से बेटियां बच जाएंगी क्या? सिर्फ जैन ही नही, हर बेटी के सक्ष्मीकरण की जरूरत है। कोई भी एक क्षेत्र पकड़ लें जिसमें समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचें। यंग बच्चों के लिए एमबीए का कार्यक्रम संघटना ने चलाया है। 9 से 14 साल के बच्चे को अर्थव्यवस्था, प्रॉफिट-लॉस की जानकारी हो जाये तो वो घर में उलझेगा नहीं। व्यवसाय बदलने की जरूरत है। परिवार बचेगा तो हम रहेंगे, तो ही समाज और देश बचेगा। यहां ग्लैमर नहीं हैं।
विशिष्ट अतिथि प्रदेश समन्वयक अमर गांधी, सीईओ आलोक सक्सेना थे। राष्ट्रीय सचिव सम्प्रति सिंघवी ने कहा कि फत्तावत की कार्य शैली को देखते हुए लगता भी है कि जो भी लक्ष्य दिए जाएं, वो न सिर्फ समय पूर्व बल्कि बहुत पहले पूरा कर लेते हैं।
राज्य कार्यकारिणी को राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र लुंकड़ ने संस्थापक शांतिलाल मूथा की साक्षी में शपथ दिलाई। राज्य कार्यकारिणी में राजकुमार फत्तावत अध्यक्ष, पीसी छाबड़ा जयपुर वरिष्ठ उपाध्यक्ष, अनिता जैन कोटा, श्याम नागौरी उदयपुर, रामसिंह चैधरी भीलवाड़ा, राज गोलेछा जयपुर और श्रवण दुग्गड़ जोधपुर उपाध्यक्ष, राजेन्द्र ढाबरिया जयपुर महासचिव, विकास जैन ऋषभदेव, धीरेन्द्र मेहता उदयपुर, राजकुमार बापना जयपुर, मुकेश जैन बाड़मेर और नरेंद्र जैन मालपुरा सचिव, प्रवीण नवलखा उदयपुर कोषाध्यक्ष, कपिल इंटोदिया उदयपुर ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी, भूपेंद्र चोरडिया राजसमंद समन्वयक, अभिषेक संचेती उदयपुर ऑडिटर मनोनीत किये गए हैं। इनके अतिरिक्त नवलसिंह जैन प्रमुख और विकास छाजेड़ उपप्रमुख (अल्पसंख्यक), अनिता जैन प्रमुख (एम्पवरमेंट ऑफ गर्ल्स), राजकुमार बापना प्रमुख (वैवाहिकी), विजयलक्ष्मी गलुण्डिया (एम्पावरमेंट ऑफ कपल), मोहित सरूपरिया प्रमुख और तुषार सुराणा उपप्रमुख (बिजनेस डेवलपमेंट) मनोनीत किये गए हैं।
प्रदेशाध्यक्ष फत्तावत ने कहा कि पंथ से कोसों दूर गठित इस संगठन ने जैन समाज की प्रगति का आश्वासन दिया है। यह एक रोल मॉडल संगठन है। जहां जाएंगे वहां सिर्फ और सिर्फ काम ही दिखता है। संगठन के स्ट्रक्चर को मजबूत करने का मेरा प्रयास रहेगा। अगले वर्ष 19-20 दिसंबर को होने वाले अंतरराष्ट्रीय अधिवेशन में 4000 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे। इसमें केवल राजस्थान से 2000 प्रतिनिधि भाग लेंगे। 22 चैप्टर वर्तमान में कार्यरत हैं जिसे 50 तक पहुंचाया जाएगा। साथ ही 5000 कपल्स को जोड़ा जाएगा। 40 वर्षों की समाज सेवा में संघटना है जो जमीन से जुड़कर काम करता है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष हमारे संगठन के दो दिवसीय सम्मेलन में मौजूद रहते हैं, इससे पता चलता है कि संगठन किस हद तक काम करता है।
जिला कार्यकरिणी को लुंकड़ ने शपथ दिलाई। कार्यकारिणी में अभिषेक संचेती अध्यक्ष, दीपक सिंघवी महामंत्री, दिनेश कोठारी वरिष्ठ उपाध्यक्ष, चेतन जैन, दीपक बोल्या और मनीष गलुण्डिया उपाध्यक्ष, नितिन सेठ, विजय कोठारी, मनोज जैन, अनिल जैन मंत्री, यशवंत कोठारी कोषाध्यक्ष, राजेश भादविया सहकोषाध्यक्ष, राकेश नंदावत संगठन मंत्री, प्रवीण दक मीडिया कम्युनिकेशन और राकेश पोरवाल आॅडिटर मनोनीत किए गए। बीजेएस महिला विंग में रितु मारू अध्यक्ष और माधुरी जैन सचिव मनोनीत किए गए हैं।
शपथ ग्रहण के बाद उदयपुर जिलाध्यक्ष अभिषेक संचेती ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संस्था के उदयपुर चैप्टर का कार्यभार मुझे संभालने का मौका मिला है। 300 सदस्यों के साथ यह बहुत बड़ा जैन संगठन बन गया है। 2 वर्षों में हम सभी प्रकल्पों में काम करेंगे। अब तक 3 मैट्रिमोनियल मीट, एम्पावरमेंट ऑफ गर्ल्स, बिजनेस डेवलपमेंट के प्रोग्राम कर चुके हैं। इस वर्ष ग्लोबल बिजनेस ट्रेड फेयर, हैप्पी फैमली आदि कार्यक्रम भी किये जायेंगे।
विमोचित फोल्डर में बताया गया कि बीजेएस ने आपदा प्रबंधन में भागीदारी निभाते हुए प्राकृतिक आपदाओं में सुविधा उपलब्ध कराई और पुनर्वसन के लिए सहायता की। लातूर, उस्मानाबाद, गुजरात के कच्छ-भुज, अंडमान निकोबार के सुनामी प्रभावित इलाकों, जम्मू कश्मीर के भूकंप और महाराष्ट्र के अकाल पीडित क्षेत्रों में आत्महत्याग्रस्त किसानों के बच्चों का भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा की व्यवस्था की गई। सामाजिक उत्थान के लिए कैरियर मार्गदर्शन कार्यक्रम, अल्पसंख्यक सम्बन्धी जानकारी (माइनोरिटी सेल), युवक-युवती परिचय सम्मेलन, 21 वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए युवतियों का सक्षमीकरण, सुखी घर-परिवार के लिए नवविवाहितों का सक्षमीकरण, व्यवसाय विकास आदि के बारे में हजारों कार्यक्रम अब तक बीजेएस के माध्यम से किए जा चुके हैं।
आरम्भ में अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। संघटना की महिला विंग ने मंगल गीत प्रस्तुत किया। अतिथियों का उपरणा ओढा, मेवाड़ी पगड़ी, स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मान किया गया। इस अवसर पर बीजेएस के अब तक किये गए कार्यों का संक्षिप्त में वीडियो दिखाया गया। कार्यक्रम का संचालन विजयलक्ष्मी गलुण्डिया ने किया। आभार राज्य महामंत्री राजेन्द्र डाबरिया ने व्यक्त किया।


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