उदयपुर / मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय के गोल्डन जुबली सभागार में साइंस मीडिया रिसर्च विषय पर चल रही कार्यशाला के तीसरे और अंतिम दिन साइन्स रिसर्च और कम्युनिकेशन विषय पर विभिन्न सत्रों में गहन विचार मंथन हुआ।
साइंस क्रिएटिव्स एंड मीडिया स्कूल फॉर साइंटिस्ट्स एंड मीडिया, नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन, डीएसटी,भारत सरकार, वनस्पति विज्ञान विभाग, एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण सोसाइटी,जयपुर ओर से आयोजित त्रिदिवसीय कार्यशाला में शुक्रवार को वैज्ञानिक शोध पत्रों के लेखन के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। स्कॉलरली जर्नल्स एंड साइंस कममुनिकेशन के प्रो जी .महेश ने जर्नल्स के बारे सम्पूर्ण जानकारी दी। एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड के जॉइंट वेंचर ऑफ पीएसयूस ऑफ मिनिस्ट्री ऑफ पावर के मैनेजर पब्लिक रिलेशन्स नितिन भट्ट ने एलईडी बल्ब के निर्माण से लेकर परिचालन तक के बारे में साथ ही उजाला योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी । केंसर सर्जन डॉ गरिमा मेहता ने अपने व्याख्यान में बताया कि कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका आज नए आविष्कारों के साथ इलाज संभव है। इसी के साथ उन्होंने सबकी जिज्ञासाओं को शांत किया और सोशल मीडिया के जरिये चिकित्सा के बदलते आयामो पर अपने अनुभव साझा किए । भूगोल विभागाध्यक्ष प्रो सीमा जालान ने रिमोट सेंसिंग उपग्रह टेक्नोलॉजी की जानकारी देते हुए कहा कि पर्यावरण अध्ययन के लिए काफी फायदेमंद है।
डॉ रोहिनी त्रिवेदी ने बताया कि वैज्ञानिक अगर किस तरह की कोई खोज करता या या कोई नई जानकारी एकत्रित करता है तो मीडिया से अपनी जिज्ञासा जरूर साझा करें। ताकि मीडिया आम जन ये जानकारी पंहुचा सके। डॉ जया अरोड़ा ने ग्रामीण विकास में विज्ञान के महत्व के बारे में चर्चा की। इन्होंने स्पिरुलीना संवर्धन वर्मी कंपोस्टिंग हाइड्रोपोनिक्स संवर्धन औषधीय पौधे की खेती आदि तकनीको द्वारा ग्रामीणों के विकास पर जोर दिया। बोटनी विभागाध्यक्ष प्रो कनिका शर्मा ने सभी वक्ताओं के स्वागत किया। कार्यशाला संयोजक तथा वरिष्ठ पत्रकार तरुण जैन ने तीन दिन की गतिविधियों की रिपोर्ट प्रस्तुत की तथा श्रेष्ठ रिपोर्ट लिखने वाले विद्यार्थियों को पुरुस्कृत किया तथा प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किये।