उदयपुर, सुख और दुख शरीर को होता है, आत्मा को नहीं। जीवन में ऐसा कार्य करते रहें जिससे हमें सत्य की प्राप्ति हो। भगवान कृपा से मिले धन का उपयोग भगवान के कार्य मे भी करें। जीवन में हो सके तो, दूसरों का सहारा बनें ताकि जीवन संवर सके। यह बात प्रयागराज कुंभ क्षेत्र में नारायण सेवा संस्थान के सेवा शिविर में ’श्रीराम-कृष्ण कथा अमृतम‘ में सोमवार को व्यासपीठ से कैलाश मानव ने कही। जिस व्यक्ति ने सत्य छोड दिया उस व्यक्ति के पास कभी धन-लक्ष्मी नहीं रुकती, क्योंकि लक्ष्मी को सदा सत्य प्रिय है। सत्य का मार्ग ही भगवान की कृपा पाने का मार्ग है। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण श्रद्धा चैनल पर हुआ। संचालन महिम जैन ने किया।