उदयपुर | वर्तमान में वैश्वीकरण के कारण जब उद्योगो का विकास तीव्र गति से होने लगा है तो श्रमिकों की अनेकानेक समस्याए सामाने आने लगी है और सामान्य प्रबंधक इन चुनौतियों का सामना करने में असमर्थ हो रहा है। इसी बीच समाज कार्य शिक्षण का महत्व बढ जाता है। मानव संसाधन प्रबंधन समाज कार्य शिक्षा का एक विशिष्ठ व्यवसायिक विषय है और उसके प्रबंधन का उत्तर दायित्व एक प्रशिक्षित सामाजिक अभियंता का है। समाज कार्य के विधार्थी मानव संसाधन प्रबंधन के विभिन्न आयामों से परिचित है और मानव व्यवहार की गत्यात्मकता तथा प्रबंधन कौशल में पूर्ण पारंगत होते है। यही कारण है कि समाज कार्य शिक्षा के विधार्थी उद्योग जगत में मानव संसाधन प्रबंधन एवं विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। उक्त विचार शुक्रवार को जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डिम्ड टू बी विश्वविद्यालय के संघटक उदयपुर स्कूल ऑफ सोशल वर्क के छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए रिलायंस पेट्रो केमिकल्स इण्डस्ट्रीज बडौदा के वाइस प्रसीडेंट एचआर डॉ. प्रशांत राव ने कही। प्राचार्य प्रो. एस.के. मिश्रा ने कहा कि समाज कार्य शिक्षा की भूमिका को उद्योग जगत के साथ साथ ग्रामीण सामाजिक विकास के क्षेत्र में भी स्वीकारा जाने लगा है। समाज कार्य के विधार्थी भारत के ग्रामीण क्षेत्रों मे रह कर वहा की सामाजिक, आर्थिक समस्याओं जैसे गरीबी, कुपोषण, स्वास्थ एवं चिकित्सा , स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, साम्प्रदायिक सौहार्द्ध आदि क्षेत्रों में एक व्यवसायिक सामाजिक विकास कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रहे है। इस अवसर पर आईआईएचएमआर विवि जयपुर की ग्रामीण प्रबंधन विभाग की डॉ. रत्ना कुमावत ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
राजस्थान के पहले एल्यूमिनाई मेन्टरशीप योजना का हुआ आगाज ः- प्लेसमेंट प्रभारी डॉ. सुनील चौधरी ने बताया कि महाविद्यालय के ६० वर्ष पूर्ण होने पर वर्तमान में अध्ययनरत छात्र छात्राओ को देश भर के अलग अलग उद्योग एवं संगठनो में कार्यरत महाविद्यालय के पूर्व छात्रों के साथ जोडा जायेगा। उक्त पूर्व छात्र वर्तमान में अध्यययनरत छात्रो को अपने व्यवहारिक अनुभव से वर्तमान उद्योग जगत की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार करने में मार्ग दर्शन प्रदान करेगे। प्रत्येक छात्र को एक पूर्व छात्र के साथ जोडा जायेगा जो कि छात्रो को केरियर काउंसलिंग, नवीनतम ज्ञान, कौशल, व्यवसायिक विधियों तथा समाज कार्य अभ्यास के व्यवसायिक पक्षों से रूबरू करायेगें। राजस्थान में यह कार्यक्रम शुरू करने वाला पहला विश्वविद्यालय होगा।
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