उदयपुर । पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से शिल्पग्राम में आयोजित ’’शरद रंग‘‘ व एक्जॉटिक फूड फेस्टीवल के दूसरे दिन शाम को मुक्ताकाशी रंगमंच पर दिलली की गायिका विधी शर्मा ने अपनी रेशमी और मधुर आवाज में सुरीली बंदिशें पेश कर दर्शक के कानों को सुरों के मिठास का आभास सा करवा दिया।
विधी ने अपने गायन की शुरूआत भजन से की इसके बाद अपनी परिचित शैली में उन्होंने चंद गजलें पेया की। जिसमें फज अहमद फैज की ’’कब याद में तेरा साथ नहीं....‘‘ को सुरीले अंदाज में सुनाया इसके बाद उन्होंने वसीम बरेलवी का कलाम ’६जरा कतरा कीं आज उभरता है समंदरों के ही लहजे में बात करता है‘‘ सुनाई तो दर्शकों ने करतल ध्वनि से विधी का अभिवादन किया। अपनी लोकप्रिय एलबम ’आमद‘‘ से विधी ने रूप् सागर की रचना व तौसीफ अख्तर द्वारा संगीतबद्ध गीत ’’पलकों पे कोई खाब सजाना तो चाहिये, जीने का जन्दगी में कोई बहाना तो चाहिये‘‘ सुना कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध सा कर दिया।
इसके बाद विधी ने लोक गीतों से अपने कंठ का माधुर्य बिखेरा मगर दर्शकों को सर्वाधिक आनन्द सूफी गीतों में आया। जिसमें उन्होंने पहले कबीर की रचना ’’घूघट के पट खोल तोये पिय मिलेंगे‘‘ सुनाया। इसके बाद पारंपरिक सूफी ’’छाप तिलक सब छीने मोसे नैना मिलायके‘‘ और ’’मस्त कलंदर‘‘, ’’ओ री सखी मंगल गावो नी..‘‘ सुना कर दर्शकों को आनन्दित सा कर दिया। विधी के साथ बांसुरी पर पं. अजय प्रसन्ना, तबले पर गौरव राजपूत, परकशन पर सतीश सोलंकी तथा की बोर्ड पर हेमन्त सैकिया ने संगत की। इससे पूर्व केन्द्र निदेशक फुरकान खान ने विधी शर्मा व साथी कलाकारों का स्वागत किया।
इससे पूर्व दोपहर में फूड फेस्टीवल में शिल्पग्राम आने वाले लोगों ने वाहिद के स्टॉल पर कबाब और पास के स्टॉल पर राजस्थानी व्यंजन के साथ-साथ चाट पकौडी, क्रिस्पी डोसा, छोला भटूरा आदि का स्वाद चखने के साथ लोक कला प्रस्तुतियों का आनन्द उठाया। बंजारा रंगमंच पर प्रवीण गौतम व उनके साथियों ने विभिन्न फिल्मी व गैर फिल्मी गीत सुना कर लागों का मनोरंजन किया।
शरद रंग में आज ः पांच दिवसीय शरद रंग के तीसरे दिन शिल्पग्राम में सांध्यकालीन कार्यक्रम के अंतर्गत राजस्थान उर्दू अकादमी के तत्वावधान में ऑल इंडिया मुशायरे का आयोजन होगा जिसमें देया के कई नामचीन शायर शिरकत करेंगे।
Source :