खेल शंकर व्यास को पेसिफिक विश्वविद्यालय उदयपुर द्वारा पी.एच.डी. की उपाधी प्रदान कराई गई। व्यास ने शिक्षा संकाय में प्रो. एन.एन.जी. माथूर के मार्गदर्शन में ’’गीता दर्शन में निहित शैक्षणिक विचारो की वर्तमान में प्रासंगिकता’’ विशय पर यह उपाधी प्राप्त की। इसके अन्तर्गत गीता दर्शन में शिक्षा का अर्थ, अनुशासन, पाठ्यक्रम अवधारणा, गुरू शिष्य सम्बन्ध, शिक्षण विधियाँ एवं मूल्य परक शिक्षा आदि बिन्दुओं पर विस्तृत कार्य करते हुए वर्तमान शैक्षिक परिदृश्य में इनकी आवश्यकता एवं उपयोग पर उदाहरण सहित प्रकाश डाला है। श्री मद्भगवत गीता में निहित शैक्षिक विचार एवं शिक्षार्थी के अध्ययन सम्बन्धि शिक्षाप्रद प्रकरण वर्तमान में पूर्णरूपेण प्रासंगिक है। आज जिस गति से गुरू शिष्य परम्परा का हृास हो रहा है उसकी क्षति पूर्ति अकरणीय है। तथापि अपनी शिक्षा प्रणाली व पाठ्यक्रम में गीता के इन प्रसंगो को समाहित करके शिक्षक और शिक्षार्थी दोनो के लिए अभूतपूर्व योगदान कर सकते है।
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