उदयपुर । अपने कर्म व ईश्वरीय कृपा से जब मान-सम्मान मिलता है तो प्रायः लोगों में अभिमान आ जाता है। लेकिन जिसमें सहजता रहती है, वही सच्ची भक्ति है। यह विचार नारायण सेवा संस्थान के बडी ग्राम स्थित सेवामहातीर्थ में श्रीराम-कृष्ण कथा एवं ’अपनों से अपनी बात‘ में शनिवार को व्यासपीठ से कैलाश मानव ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि क्षणिक भक्ति करके अगर भगवान से कुछ मांगना ही है तो ऐसा विवेक मांगे जो जीवन में आने वाली कठिन परिस्थिति में भी आगे बढने की राह तलाश ले। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आस्था चैनल पर हुआ। संचालन महिम जैन ने किया।
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