उदयपुर| हिन्दी हमारे प्राणों में बसी हुई भाषा है। हिन्दी का अस्तित्व कभी भी समाप्त नहीं हो सकता। यह विचार भूपाल नोबल्स स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. प्रेमसिंह रावलोत ने हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित हिन्दी दिवस पर व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हिन्दी संवाद की भाषा है और आज भी इसका प्रयोग सर्वाधिक किया जा रहा है।
इस अवसर पर डाॅ. कमल सिंह राठौड़ ने कहा कि वाद विवाद प्रतियोगिता हममें तर्क के साथ अपनी बात को कहने का आत्मविश्वास पैदा करती है। डाॅ. हुसैनी बोहरा ने कहा कि हिन्दी दिवस हिन्दी में कार्य करने का संकल्प दिवस है। इस दिन हमें यह संकल्प करना चाहिए की कम से कम अपने हस्ताक्षर तो हिन्दी में करें। यही हिन्दी के प्रति अपने गौरव का भाव है।
इस अवसर पर अंग्रेजी विभाग द्वारा आशुभाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम संयोजिका डाॅ. माधवी राठौड़ ने बताया कि प्रतिभागियों ने सामयिक विषयों जैसे- सोशल मीडिया, स्वच्छता, उदयपुर शहर, स्वअनुशासन, समय के प्रति प्रतिबद्धता आदि विषयों पर अपने आशुविचार व्यक्त किये। निर्णायक के रूप में डाॅ. कमल सिंह राठौड़, डाॅ. आशुतोष पीतलिया, डाॅ. राम सिंह सारंगदेवोत उपस्थित थे।
डाॅ. उर्मिला पुरोहित ने बताया कि अंग्रेजी कविता पाठ प्रतियोगिता में क्रमशः साक्षी सोनी ने प्रथम, वृत्तिका चैहान ने द्वितीय, वंशिका चैहान ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। डाॅ. पंकज मरमट ने बताया कि हिन्दी कविता पाठ प्रतियोगिता में साक्षी चैहान, वंशिका चैहान, गरिमा तेजावत ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम का संचालन अक्षिता एवं अवनि ने किया।
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