उदयपुर। मुहर्रम के अवसर पर हर वर्ष आयोजित होने वाली दस दिवसीय मजलिसो का आयोजन बुधवार से हाथीपोल अजंता गली स्थित शिया जामा मस्जिद में शुरू होगा। मजलिस प्रतिदिन शाम को नो बजे प्रारम्भ होगी जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में मौलाना हैदर मौलाई तकरीर करेंगे। मर्सिया ख्वानी और सोज सलाम आदि के लिए भी नोयडा के तफ्सीर आलम और उरूज अख्तर भी उदयपुर पहुंचे है।
शिया मस्जिद के प्रवक्ता सय्यद मजहर रिजवी ने बताया की मजलिसो में वितरित होने वाले तबर्रुक आदि का प्रबंधन इमरोज मिर्जा एवं समाज के वरिष्ठ सदस्य सय्यद फय्याज मेहंदी की देख रेख में होगा। 21 सितम्बर को समापन अवसर पर दोपहर एक बजे एक जुलुस का आयोजन किया जाएगा, जो शिया जामा मस्जिद से शुरू होकर स्वरूप सागर स्थित कर्बला पहुंच कर संपन्न होगा। इसी दिन शाम को मजलिसे शामे गरीबा का आयोजन भी होगा। शहर के पर्यावरण को स्वच्छ बनाये रखने की जिम्मेदारी संमझते हुए शिया धर्मावलम्बी किसी भी धार्मिक वास्तु को झील के पानी में विसर्जित नहीं करने के पिछले कई सालों से चले आ रहे सिलसिले को जारी रखेंगे।
इस्लाम धर्म के सभी मतों के अनुसार इमाम हुसैन उनके परिवार तथा साथियो ने उस समय प्रचलित सामाजिक बुराइयों को खत्म करने के लिए उस समय के बादशाह के खिलाफ जंग की थी। इस जंग में इमाम हुसैन ने अपनी अपने परिवार की और कई साथियो की कुर्बानी दी थी। सच्चाई और हक की आवाज बुलंद करने के लिए शहीद होने वाले 72 शहीदों की शहादत की याद में पूरी दुनिया में मोहर्रम के महीने में विभिन्न आयोजन होते है। उदयपुर की शिया जामा मस्जिद में भी मजलिसो का यह सिलसिला पिछले पांच दशको से भी अधिक समय से चला आ रहा है। महुर्रम में आयोजित होने वाली इन मजलिसो को सुनने के लिए मुस्लिम समाज के सभी वर्ग के लोग पहुंचते है।
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