उदयपुर। ओमान की निजवा यूनिवर्सिटी की वरिश्ठ व्याख्याता डॉ. कनीज फातिमा सादडीवाला ने कहा कि मनुश्य इस भागदौड की जिन्दगी में अधिक प्राप्त करने के लालच में छोटी-छोटी बातों को लेकर तनाव में रहकर अपना जीवन बर्बाद कर रहा है। यदि वह जीवन में जितना मिला उसी में सतोश करता है, तो वह आजीवन तनावमुक्त रह कर बेहतर जीवन जी सकता है।
वे रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा रोटरी बजाज भवन में आयोजित तनाव प्रबन्धन विशयक वार्ता में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि तनाव होने पर या तो किसी से झगडा होता है या वंहा से चले जाते है। जीवन में बदलाव आने पर भी तनाव होता है। तनाव बुरा होता है लेकिन सभी प्रकार के तनाव खराब नहीं होते है। समस्या आने पर उसका तत्काल रिएक्षन करने पर तनाव उत्पन्न होता है। उन्हने सलाह दी कि मुष्किलें आने पर अपना आपा नहीं खोयें और उसका ष्ंाातिपूर्वक समाधान निकाल कर तनाव खत्म करें।
तनाव दूर करनें के उपाय-उन्हने कहा कि तनाव दूर करने के लिये सपोर्ट सिस्टम का सहारा लेना चाहिये। अपने व्यवहार में बदलाव लायें। स्वंय करा गुस्सा स्वयं के पास रखें, उसे दूसरों पर न थोपें। छोटे-छोटे बदलाव से बडी-बडी समस्याओं का समाधान करें। स्वयं में संगठित होना सीखें ताकि तनाव उत्पन्न न हों।
फेमेली से करें हर बात शेयर- डॉ कनीज ने कहा कि अपनी हर समस्या को अपनी फेमेली के साथ शेयर करें। ऐसा करनें से तनाव में घटता है और उत्पन्न होने वाली समस्याओं का समाधान निकालने में आसानी रहती है। काम को प्राथमिकता के साथ करें, ऐसा करने से समय की बचत हगी। जीवन में हर कार्य के लिये हां ही नहीं करनें, ना करना भी सीखें।
ओमान में है भारतीय शिक्षक भगवान के समान- मूलतः उदयपुर निवासी डॉ. कनीज ने कहा कि ओमान में भारतीय शिक्षक को भगवान के समान माना जाता है। ओमान में बालिका शिक्षा को काफी बढावा दिया जाता है यहीं कारण है कि इस वि.वि में करीब साढे दस हजार विद्यार्थी अध्ययनरत है जिसमें ९ हजार से अधिक बालिकाएं है। ओमान में बालक के ग्रेजुएट डिग्री लिये जाने पर पूरे गांव में जष्न मनाया जाता है। वहंा के लोग काफी मददगार एवं साधारण किस्म के है।
प्रारम्भ में क्लब अध्यक्ष ओ.पी.सहलोत ने कहा कि जीवन में हर प्रकार का प्रबंधन किया जा सकता है लेकिन तनाव का प्रबंधन करना अपने आप में एक कला है। इस अवसर पर उन्होंने विगत पखवाडे में क्लब द्वारा किये गये सेवा कार्यो की जानकारी दी। कार्यक्रम में महादेव दमानी ने कहा कि जो प्राप्त किया वहीं पर्याप्त है, यदि यह मंत्र ले कर चलेंगे तो जीवन में कभी तनाव नहीं होगा। सचिव राकेष माहेष्वरी ने आगामी पखवाडे में आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी। प्रारम्भ में श्रीमती सहलोत ने ईष वंदना प्रस्तुत की। वीरेन्द्र सिरोया ने डॉ. कनीज फातिमा का परिचय दिया जबकि मानिक नाहर ने अंत में स्मृतिचिन्ह प्रदान किया।
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