उदयपुर। युवा टैलेंट को प्रोत्साहित करने की अपनी प्रतिबद्घता पर काम करते हुये, नेस्ले इंडिया ने कॉलेज ऑफ डेयरी एंड फूड साइंस टेक्नोलॉजी; सीडीएफएसटी, महाराणा प्रताप यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी; एमपीयूएआर, उदयपुर में स्टूडेंट्स के लिए कौशल बढ़ाने वाले अद्वितीय कार्यक्रम का आयोजन किया।
एन-रीच कार्यक्रम एक चार-दिवसीय वर्कशॉप थी जिसे दो हिस्सों में बांटा गया था और यह नेतृत्व विकास, भावनात्मक समझ, जवाबदेही और जन प्रबंधन पर केंद्रित थी। इसमें हिस्सा लेने वाले स्टूडेंट्स को वर्कशॉप के अंत में एक केस स्टडी दी गई और उन्हें प्रशिक्षण पूरा करने पर प्रमाण पत्र प्रदान किये गये।
इस अवसर पर नेस्ले इंडिया के चेयरमैन एवं मैनेङ्क्षजग डायरेक्टर सुरेश नारायणन ने कहा कि मैं जब भी युवाओं को देखता हूं तो खुद को बेहद ऊर्जावान महसूस करता हूं और प्रोफेसर उमाशंकर शर्मा एवं यूनिवर्सिटी के समूची फैकल्टी से मिले सहयोग का आभारी हूं। मुझे आज काफी सकरात्मक एवं समृद्ध अनुभव मिला। सीडीएफएसटी के स्टूडेंट्स में जो टैलेंट है, वह काफी प्रभावी है और मैं सभी को उनके भविष्य के लिए शुभकामनायें देता हूं।
एमपीयूएआर के वाइस चांसलर प्रो. उमाशंकर शर्मा ने कहा कि सॉफ्ट स्किल्स हमेशा से सफलता का अभिन्न हिस्सा रहा है और हमें खुशी है कि एन-रीच प्रोग्राम इसके महत्व को समझता है। हमें आशा है कि हमारे स्टूडेंट्स को निकट भविष्य में ऐसे और अवसर मिलेंगे।
सीडीएफएसटी के डीन ललितकुमार मुरडिया ने कहा कि एन-रीच अंतिम वर्ष के सभी स्टूडेंट्स के लिए एक प्रेरणादायक अनुभव रहा है। और मुझे पूरा भरोसा है कि नेस्ले इंडिया एवं सीडीएफएसटी के संबंध आने वाले सालों में और मजबूत ही होंगे। एन-रीच का लक्ष्य फूड टेक्नोलॉजी कोर्स कर रहे अंतिम वर्ष के स्टूडेंट्स को उन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करना है जिन्हें वे पेशेवर दुनिया में कदम रखने के बाद रोजाना झेलेंगे। यह विशेष तौर पर स्टूडेंट्स की सॉफ्ट स्किल को बढ़ाने पर केंद्रण करता है ताकि उन्हें सफलता के करीब लाया जा सके। नेस्ले इंडिया ने हाल में करनाल में नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट के साथ भी इस कार्यक्रम का संचालन किया था। प्रोग्राम को अनुभवी प्रशिक्षकों द्वारा चलाया जा रहा है जिसमें ऐसे सत्र शामिल किये गये हैं जिसमें इंस्टीट्यूट के पूर्व छात्रों और बाहरी प्रशिक्षकों की एक टीम द्वारा आगे बढ़ाया जाता है।
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