उदयपुर । तेलीवाडा स्थित हुमड भवन में बिराजित परम पूज्य चतुर्थ पट्टाधीश प्राकृताचार्य ज्ञान केसरी आचार्य श्री 1॰8 सुनीलसागर जी महाराज के सुशिष्य मुनिश्री सुमित्र सागरजी महाराज ने धर्मसभा में जैन रामायण का वाचन करते हुए जैन रामायण के अनुसार जम्बूद्वीप की व्याख्या की। मुनिश्री ने जम्बूद्वीप के रचना को श्रावकों को समझाते हुए कहा कि यह चूडी के समान गोल है, जिसमें चार सिद्ध शिलाएं हैं। छः बडे- बडे विशाल पर्वत हैं। नदियां हैं और यह द्वीप एक लाख योजन चौडा है। नदियां, तालब और कल- कल करते झरने तो अनगिनत हैं। जम्बूद्वीप के बीचो-बीच ही एक विशाल सुन्दर सुमेरू पर्वत है और उस पर भव्य पाण्डुक शिलाएं शोभायमान हैं।
मुनिश्री ने बताया कि एरावत क्षेत्र , विजर्याद पर्वत, आर्यखण्ड, सिद्धायतन, मलेक्षरखण्ड यह सब एक लाख योजन के हैं जो सभी जम्बूद्वीप में समाहित होते हैं। प्रभुश्रीराम ने भगवान आदिनाथ और महावीर स्वामी का भी अनुसरण किया। आज प्रभुश्री राम वीतरागी अवस्था में विराजमान हैं। रामचन्द्रजी ने अपने जीवन में कितने दुःखों को अंगीकार किया, लेकिन फिर भी वह विचलित हुए बिना धर्म और मोक्षमार्ग पर चलते रहे ओर वह आगे चल कर वह मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम कहलाए।
सकल दिगम्बर जैन समाज अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत ने बताया कि धर्मसभा में पूर्व आचार्यश्री सुनीलसागरजी महाराज के सभी पूर्वाचार्यों के चित्र का अनावरण किया गया। उसके बाद दीप प्रज्वलन, सुनीलसागाजर महाराज ससंघ की अद्वविली सेठ शांतिलाल नागदा, सुरेशचन्द्र राज कुमार पदमावत, सेठ शांतिलाल नागदा, देवेद्र छाप्या, विजयलाल वेलावत, राजपाल लोलावत, शांतिलाल चित्तौडा, कनक माला छाप्या आदि श्रावकों ने मांगलिक क्रियाएं की। धर्मसभा का संचालन बाल ब्रह्मचारी विशाल भैया ने किया जबकि मंगलाचरण बाल ब्रह्मचारी पूजा हण्डावत ने किया।
जिला पुलिस अधीक्षक एवं एडीएम का स्वागत
प्रचार प्रसार मंत्री पारस चित्तौडा ने बताया कि मंगलवार को सकल दिगम्बर जैन समाज की ओर से नव नियुक्त जिला पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रीपजी, एडिशलन एसपी पारसमल जैन एवं, एडीएम साहब का स्वागत अभिनन्दन किया गया। इस दौरान सकल दिगम्बर जैन समाज अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत, महामंत्री सुरेश राज कुमार पदमावत, पारस चित्तौडा, सेठ शांतिलाल नागदा, कल्याणमल कारवा, सुमतिलरल दुदावत, चन्द्र प्रकाश कारवा अनिल जैन आदि उपस्थित थे।
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