नयी दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम को उन्नीस बरस बाद 2004 में पाकिस्तान दौरे पर जाने की मंजूरी देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की वह पंक्ति सौरव गांगुली की अगुवाई वाली टीम के हर सदस्य के जेहन में चस्पां हो गई थी कि ‘खेल ही नहीं, दिल भी जीतकर आइये।’ भारत और पाकिस्तान के आपसी संबंधों में सुधार के लिये उस ऐतिहासिक दौरे को काफी अहम माना जा रहा था। पिछले 19 साल से भारत ने पाकिस्तानी सरजमीं पर पूर्ण क्रिकेट श्रृंखला नहीं खेली थी और उम्मीदों का सरमाया लेकर गांगुली उस टीम के साथ सरहद पार जा रहे थे जिसमें सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, अनिल कुंबले, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण जैसे दिग्गज खिलाड़ी शामिल थे।
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