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वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान है राजस्थान की दूरदर्शी जल नीति का प्रतीक जल है तो कल है, केवल  नारा नहीं बल्कि राज्य सरकार की जल नीति का मूल मंत्र है

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10 Jun 25
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वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान है राजस्थान की दूरदर्शी जल नीति का प्रतीक जल है तो कल है, केवल  नारा नहीं बल्कि राज्य सरकार की जल नीति का मूल मंत्र है

श्रीगंगानगर। राजस्थान की मिट्टी में जल का महत्व समझना केवल आवश्यकता नहीं बल्कि जीवन का आधार है। प्रदेश में जहाँ, बूंद-बूंद पानी अमृत के समान है, वहाँ माननीय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में 5 जून से 20 जून, 2025 तक चलाया जा रहा वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पहल है बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षा का संकल्प भी है। आज जल संरक्षण के लिए उठाया गया हमारा एक कदम आने वाली पीढ़ी के लिए जीवन का आधार होगा। अभियान के प्रमुख उद्देश्य जल संरचनाओं का जीर्णाद्वार, जल प्रदूषण में कमी, पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता, भूजल पुनर्भरण, व्यवहार परिवर्तन से बेहतर जल प्रबंध हैं।
रामजत सेतु लिंक नहर परियोजना इस दूरदर्शिता का अद्भुत उदाहरण है। यह परियोजना न केवल सिंचाई की सुविधा प्रदान करती है बल्कि भूजल स्तर को बढ़ाने में भी सहायक सिद्व होगी। इससे किसानों को दोहरा फायदा हो रहा है- पानी की उपलब्धता और फसल की बेहतर पैदावार।
राज्य सरकार की जल नीति का एक महत्वपूर्ण पहलू कम पानी की जरूरत वाली कृषि पद्धतियां, बीज/पौध किस्मों को बढ़ावा देना है। ड्रिप इरिगेशन, स्प्रिंकलर सिस्टम और माइक्रो इरिगेशन जैसी तकनीकों के प्रयोग से प्रदेश के किसान कम पानी में अधिक उत्पादन कर रहे हैं।
राज्य सरकार की जल संरक्षण नीति की सबसे बड़ी मंशा जनभागीदारी को बढ़ावा देना है।  वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के माध्यम से आम जनता को जागरूक करने का प्रयास वास्तव में सराहनीय है। जब जन-जन तक जल संरक्षण का संदेश पहुंचता है, लोग अभियान से जुड़ते हैं और इसे घर- घर में लोग अपनाते हैं तभी किसी भी नीति की सफलता संभव है।
राजस्थान की जल संरक्षण नीति न केवल राज्य के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक मॉडल बनकर उभरी है। पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक तकनीक का यह सयोजन, जनभागीदारी के साथ मिलकर, भविष्य की पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित करने का काम कर रहा है।
आने वाले समय में पूरी दुनिया के सामने जल संकट के सबसे बड़ी वैश्विक समस्या के रूप में उभरने का अंदेशा है। ऐसे में राजस्थान सरकार की यह दूरदर्शी नीति न केवल राज्य की समस्याओं का समाधान कर रही है बल्कि वैश्विक स्तर पर एक उदाहरण भी प्रस्तुत कर रही है। यह अभियान सिद्ध करता है कि जब नीति, तकनीक और जनभागीदारी एक साथ मिल जाते हैं, तो असंभव लगने वाले लक्ष्य भी संभव हो जाते हैं। अतः हम सभी के लिए में बेहद आवश्यक है कि हम राजस्थान सरकार द्वारा चलाये जा रहे अभियानो से जुड़े और जल एवं पर्यावरण को बचाने में भागीदार बनें।


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