श्रीगंगानगर । जल संसाधन विभाग द्वारा हरिके हेड वर्क्स से छोड़े जाने वाले पानी का उपयोग केवल सिंचाई कार्यों में करने की अपील की गई है।
विभाग के अधीक्षण अभियंता श्री धीरज चावला ने बताया कि नहरों में छोड़े जाने वाले पानी का पेयजल के रूप में उपयोग नहीं किया जाये। प्रदूषित पानी को नहरों में जाने से रोकने के लिये बीबीएमबी द्वारा बनाई गई एसओपी फॉर ऑपरेशन ऑफ हरिके हेड वर्क्स प्रक्रियाधीन है। इस संबंध में 16 मई को एसओपी सदस्यों की वीसी के माध्यम से बैठक हुई, जिसमें राजस्थान के कृषि विभाग द्वारा की गई सैम्पलिंग के नतीजों द्वारा पाया गया कि मौजूदा स्थिति में हरिके हेड वर्क्स पर पहुंच रहा पानी केवल सिंचाई योग्य है। प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड पंजाब द्वारा बताया गया कि यह पानी पीने योग्य नहीं है। बैठक के दौरान राजस्थान राज्य बीकानेर कैनाल पर निर्भर क्षेत्र में सिंचाई पानी की मांग अधिक होने के कारण सिंचाई के लिये पानी छोड़ने की मांग की गई। इसके फलस्वरूप कमेटी द्वारा 17 मई की सुबह 6 बजे से फिरोजपुर फीडर के माध्यम से सिंचाई पानी छोड़ने का फैसला लिया गया।
श्री चावला ने बताया कि 17 मई से हरिके हेड वर्क्स से छोड़े जाने वाले पानी को आगामी सात दिनों तक राजस्थान क्षेत्र में केवल सिंचाई कार्यों हेतु उपयोग में लिया जाये। इस पानी का पेयजल के रूप में उपयोग नहीं किया जाये।