राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा निर्देश प्रदान किये गये हैं कि कॉलेज में सीनियर छात्रों द्वारा नवांगतुक छात्रों के साथ रैगिंग की घटनाएं होती हैं, जो एक विचारणीय बिन्दू हैं और चिन्ताजनक स्थिति है। इस प्रकार की घटनाएं ना हों इस हेतु छात्रों को रैगिंग के दुष्परिणाम एवं विधिक प्रावधानों की जानकारी देना आवश्यक है ताकि भविष्य में किसी भी प्रोफेशनल कॉलेज में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो, जिससे किसी छात्र-छात्रा को मानसिक या शारीरिक संताप पहचे।
अतः इस संबंध में छात्र छात्राओं में विधिक जानकारी प्रदान करने हेतु प्राधिकरण सचिव शिवप्रसाद तम्बोली द्वारा उपस्थित विद्यार्थियों को रैगींग विरोधी कानून के बारे में समझाया गया। और साथ ही आम जीवन में होने वाले अपराधों के विरूद्ध उनके कानूनी अधिकारों के बारे में बताया।