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प्राधिकरण सचिव वैष्णव द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का औचक निरीक्षण

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28 Aug 19
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प्राधिकरण सचिव वैष्णव द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का औचक निरीक्षण

प्रतापगढ |   राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार प्रतापगढ न्यायक्षेत्र में स्थित स्वास्थ केन्द्र घण्टाली का आकस्मिक निरीक्षण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव महोदय (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) लक्ष्मीकांत वैष्णव द्वारा किया गया।

   निरीक्षण के दौरान मौके पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. मुकेश गोदा उपस्थित पाये गये। स्टाफ नर्स गीता डामोर दिनांक २६.०८.२०१९ को अनुपस्थित पाई गईं। फार्मासिस्ट सुनील कुमार उदय के उपस्थिति रजिस्टर में २६.०८.२०१९ व २६.०८.२०१९ के कॉलम खाली पाये गये व अनुपास्थित होने की स्थिति जाहिर आई। ए०एन०एम० नर्मदा कुमारी अस्पताल में अनुपस्थित पाई गईं। वार्ड ब्वॉय पूना भारता की उपस्थिति पंजिका में दिनांक २२ से २६ अगस्त २०१९ तक दस्तखत नहीं पाये गये व अनुपास्थित पाया गया। महिला कर्मचारी श्रीमती काली के भी दिनांक २४ प २५ अगस्त २०१९ के हस्ताक्षर नहीं पाये गये। दौराने निरीक्षण प्राधिकरण सचिव (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) वैष्णव द्वारा महिला वार्ड, जनाना वार्ड, लेबर रूम, इन्जेक्शन कक्ष व वेक्सिनेशन कक्ष का निरीक्षण किया गया। लेबर रूम में व्यवस्थाएं संतोषप्रद पाई गईं। लेबर रूम में रेडीयंट वार्मर, सक्शन मशीन तथा डिस्पोजल बकेट्स सही तरीके से रखे पाये गये। प्रभारी चिकित्सक मुकेश गोदा के साथ सभी वाड्र्स का अवलोकन करने से यह स्थिति प्रकट हुई कि दो दिनों के भीतर १८ महिलाओं की डिलेवरी हुई। जबकि ५ बेडेड  प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में मौके पर रोगियों की भीड अैर प्रसुति हेतु महिलाओं की स्थिति के संबंध में यह भी जानकारी आई कि पिछले १५ दिवस में लगभग ८० डिलेवरी हुईं। यहां स्टॉफ व चिकित्सकों की कमी है। साथ ही चिकित्सालय को ०५ बेडेड से ३० बेडेड में अपग्रेड किये जाने की भारी आवश्यकता है। ताकि दूरस्थ क्षेत्रों से आये ग्रामीण जन को समुचित चिकित्सा सुविधा मिल सके। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि माननीय रालसा व उच्च न्यायालय लेबर रूम व महिलाओं की प्रसुति सुविधाओं की सावधानियों को लेकर संवेदनशील है और इनकी नियमित मॉनेटरिंग जिले में की जा रही है।

   अनुपस्थित स्टॉफ को लेकर न्यायाधीश वैष्णव द्वारा नाराजगी प्रकट की गईं। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पृथक से स्पष्टिकरण लेने के निर्देश दिये गये। चिकित्सा अधिकारी प्रभारी को साफ-सफाई के भी निर्देश प्रदान किये गये। श्री वैष्णव द्वारा भर्तीशुदा १८ प्रसुति महिलाओं से चर्चा की गई। जिससे यह प्रकट हुआ कि उन्हें प्रातः दूध, राबडी व बिस्कीट का नाश्ता दिया गया। इस संबंध में न्यायाधीश वैष्णव द्वारा संतोष व्यक्त किया गया।


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