उदयपुर | पारस हेल्थ, उदयपुर में चित्तौड़गढ़ के रहने वाले एक 32 वर्षीय युवक को मेजर हार्ट अटैक आने पर तुरंत एंजियोप्लास्टी कर बचाया गया। यह इलाज एक से डेढ़ घंटे के भीतर जरूरी होता है और मरीज के जल्द पहुंचने के कारण ही उसे बचाया जा सका। पारस हेल्थ, उदयपुर के डायरेक्टर एंड हेड ऑफ डिपार्टमेंट ऑफ कार्डियोलॉजी, डॉ. अमित खंडेलवाल ने बताया कि हार्ट अटैक के मामलों में युवा मरीजों की संख्या पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ी है, कुछ समय पहले इसी मरीज के भाई को भी हार्ट अटैक आने पर बचाया गया था। कुछ ही समय में एक ही परिवार के दो लोगों को हार्ट अटैक आना बेहद ही चिंताजनक बात है।
वहीं एक और इसी प्रकार का मामला सामने आया जिसमें एक 33 वर्षीय युवक को क्रिकेट खेलने के दौरान सीने में तेज दर्द हुआ और उसके दोस्तों ने उसे तुरंत पारस हॉस्पिटल में भर्ती कराया इसके बाद जांच में यह स्पष्ट हुआ कि उसे हार्ट अटैक आया था। इसके बाद उसकी एंजियोप्लास्टी करके जान बचाई गई। डॉ. अमित खंडेलवाल ने बताया कि आजकल अनियमित दिनचर्या और अत्यधिक तनाव लेने से हृदय संबंधित रोगों के मामले बढ़ रहे हैं। इसलिए तनाव को जीवन में शामिल ना होने दें यदि आपके परिवार में किसी को पहले हार्ट अटैक आ चुका है तब परिवार के सदस्य नियमित जांच कराते रहें क्योंकि यदि परिवार में किसी को पहले इस प्रकार की समस्या होती है तो यह जेनेटिक तौर पर भी आगे बढ़ सकता है। पिछले 2 महीने में पारस हेल्थ उदयपुर में 40 वर्ष से कम उम्र के करीब 18-20 मरीजों में हार्ट अटैक के लिए एंजियोप्लास्टी की गई । युवा वर्ग में एंजियोप्लास्टी की बढ़ती हुई संख्या चिंता का विषय है। ऐसे में घुलनशील स्टेंट काफी कारगर साबित हो रहा है।
उन्होंने बताया कि आजकल लोगों में जागरूकता तो उत्पन्न हुई है परंतु फिर भी यह जागरूकता उतनी तेजी से लोगों तक नहीं पहुंची है जिस कारण लोगों को जानकारी का अभाव है और जागरूकता की कमी के कारण ऐसे 2 तिहाई मरीज कभी हॉस्पिटल पहुंच ही नहीं पाते हैं और उनकी मृत्यु हो जाती है इसलिए पहचान बहुत आवश्यक है।उन्होंने कहा कि पुरुषों में आजकल महिलाओं की तुलना में अधिक हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं, लोगों में आजकल जिम में हार्ट अटैक के मामले ज्यादा देखने को मिल रहे हैं इसकी एक वजह यह है कि लोग जल्दी स्वस्थ होने के लिए अचानक से एक्सरसाइज शुरू कर देते हैं, जिसका दुष्परिणाम उन्हें भविष्य में भुगतना पड़ता है इसलिए उन्हें धीरे-धीरे एक्सरसाइज को अपने स्टैमिना के अनुसार बढ़ाना चाहिए और शुरुआत में अधिक एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए।