उदयपुर- पारस हेल्थ, उदयपुर ने डायबिटिक फुट से ग्रसित 54 वर्षीय मरीज को नया जीवन देकर एक और नई उपलब्धि हासिल की है। डायबिटिक फुट एक समस्या है जो डायबिटीज (मधुमेह) से प्रभावित लोगों में होती है। यह एक घातक स्थिति है जिसमें डायबिटीज के कारण पैरों में खून के सामान्य परिसंचार में कमी होती है और इसके परिणामस्वरूप पैरों में असामान्य दर्द जैसी समस्याएं विकसित हो सकती हैं। इस समस्या से 54 वर्षीय पुरुष काफी समय से पीड़ित था, जिसे क्रिटिकल केयर टीम और कार्डियोलॉजी टीम ने मिलकर एक सफल इलाज के माध्यम से ठीक किया।
डॉ. संदीप भटनागर, डायरेक्टर, इंटरनल मेडिसिन, पारस हेल्थ, उदयपुर ने बताया कि "मरीज को शरीर में दर्द और तेज बुखार के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उन्हें डायबिटीज टाइप 2 था। इसके बाद जांच में यह पता चला कि उनके दाहिने पैर में सेल्युलाइटिस के साथ सूजन है, उन्हें दो-तीन दिन दवाइयां दी गई इसके बाद एमआईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया उसका इलाज जारी रहा, परिस्थिति बिगड़ती ही जा रही थी और उन्हें इनवेसिव रेस्पिरेटर और हेमोडायलिसिस पर रखा गया फिर जांच के माध्यम से सर्जिकल टीम ने घाव को ठीक किया और धीरे-धीरे मरीज ठीक होने लगा जिसके बाद उसे वेंटिलेटर से हटा दिया गया और उसका हेमोडायलिसिस सपोर्ट भी कम हो गया था कुछ दिनों बाद जब मरीज की स्थिति ठीक हो गई तब उसे छुट्टी दे दी गई। उसके इलाज में क्रिटिकल केयर टीम और कार्डियोलॉजी टीम ने मिलकर योगदान दिया। डायबिटिक फुट होने के कारण उसे ठीक करना एक प्रकार का चैलेंज था जिसको हमने स्वीकार किया और बड़ी सावधानी पूर्वक एक सफल इलाज के माध्यम से उसे ठीक किया जा सका।"
डॉ. चेतन गोयल, आईसीयू हेड, पारस हेल्थ, उदयपुर ने बताया कि "रोगी को पहले से ही डायबिटीज की दवाइयां दी जा रही थी लेकिन उसके शरीर में कई जगहों पर दर्द और बाएं पैर में सूजन की समस्या थी। इस समस्या को देखते हुए उसे इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया और सर्जरी के माध्यम से उसका इलाज किया गया। डायबिटीज की बीमारियों में लापरवाही ना बरतें खासकर पैरों की सूजन पर ध्यान दें यदि यह समस्या कम नहीं हो रही है तो तुरंत अस्पताल में संपर्क करें। यदि समय रहते आप इलाज करा लेंगे तो बचने की संभावना बनी रहती है अन्यथा जीवन के लिए खतरा बना रहता है।
मरीज ने डॉक्टरों का धन्यवाद किया और कहा, "पारस हेल्थ, उदयपुर के डॉक्टर्स और स्टाफ ने बहुत सहयोग किया तभी मैं पूरी तरह स्वस्थ हो पाया हूं। पारस हेल्थ के डॉक्टरों ने बहुत ही सावधानी से मेरा इलाज किया और जीने की नई उम्मीद दी।"