बेंगलुर । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को वैज्ञानिक समुदाय से सामाजिक जिम्मेदारी के मार्ग पर आगे बढ़ने और स्वदेशीकरण की भावना को आत्मसात करने का आह्वान किया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह सुनिश्चित करना सभी की संयुक्त जिम्मेदारी होनी चाहिए कि 2047 का भारत अधिक समृद्ध और मजबूत राष्ट्र होगा। राष्ट्रपति ने यहां हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के एकीकृत योजेनिक इंजन निर्माण केंद्र (आईंसीएमएफ) का उद्घाटन करने और जोनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (दक्षिण क्षेत्र) की आधारशिला रखने के बाद यह बात कही। मूर्मू ने कहा, इस ऐतिहासिक अवसर पर, मुझे अपने पूर्ववर्ती डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की याद आ रही है। हम उन्हें भारत के मिसाइल मैन के रूप में जानते हैं, लेकिन उनके जीवन का एक और पहलू था, जिस पर मैं कुछ प्रकाश डालना चाहती हूं। उन्होंने हमेशा सामाजिक समावेश के साथ-साथ प्रौदृाोगिकीय विकास का मार्ग अपनाया। राष्ट्रपति ने कहा कि विज्ञान एक अभूतपूर्व ांति और लोगों के जीवन में बदलाव ला सकता है।