पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के जुर्म में उम्र कैद की सजा काट रहे ए. जी. पेरारिवलन ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय द्वारा अपनी रिहाईं का आदेश दिए जाने के बाद कहा मेरा दृढ़ विश्वास है कि मृत्युदंड की कोईं आवश्यकता नहीं है। गौरतलब है कि पेरारिवलन को पहले चेन्नईं की एक विशेष अदालत द्वारा मौत की सज़ा सुनाईं गईं थी, जिसे बाद में आजीवन कारावास में बदल दिया गया था। पेरारिवलन ने कहा कि वह अपने भविष्य के बारे में सोचने से पहले आजादी की हवा में सांस लेना चाहता है। पत्रकारों ने पूछा कि एकआजाद पंछी के रूप में कैसा लग रहा है, और भविष्य की योजनाएं क्या हैं? इस पर पेरारिवलन ने कहा मैं अभी बाहर आया हूं। कानूनी लड़ाईं को 31 साल हो गए हैं। मुझे थोड़ी सांस लेनी है।