सुप्रीम कोर्ट ने मध्य–प्रदेश के स्थानीय निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण को मंजूरी दे दी। अदालत ने इसके लिए समर्पित आयोग की रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय निकायवार आरक्षण प्रणाली को अधिसूचित करने की राज्य को अनुमति दे दी । इससे पहले १० मई को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित कर कहा था कि जब तक राज्य सरकार त्रि–परीक्षण औपचारिकता को सभी प्रकार से पूरा नहीं कर लेती‚ तब तक ओबीसी के लिए आरक्षण की व्यवस्था नहीं की जा सकती। जस्टिस अजय खानविलकर‚ अभय श्रीनिवास ओका और सीटी रविकुमार की बेंच ने १० मई के आदेश में संशोधन और हाल में अधिसूचित परिसीमन के आधार पर चुनाव कराने की अनुमति का अनुरोध करने वाली राज्य की याचिका पर यह निर्णय सुनाया । याचिका में राज्य सरकार ने १२ मई की दूसरी रिपोर्ट में ओबीसी आयोग की सिफारिश के आधार पर ओबीसी और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए चार सप्ताह के भीतर आरक्षण अधिसूचित करने की अनुमति देने का भी अदालत से आग्रह किया। अदालत ने कहा कि हम समर्पित आयोग की रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय निकायवार आरक्षण प्रणाली को अधिसूचित करने की भी मध्य प्रदेश को अनुमति देते हैं‚ जिसका पालन राज्य निर्वाचन आयोग करेगा। यह काम आज से एक सप्ताह के भीतर करना होगा।