चेन्नई । मद्रास उच्च न्यायालय ने एक सेवा संगठन और सत्तारूढøÃ़ द्रमुक के एक विधायक की जनहित याचिका मंगलवार को विचारार्थ स्वीकार कर ली और इस पर नोटिस जारी किया। याचिका में संविधान (४२वें संशोधन) कानून १९७६ की धारा ५७ को असंवैधानिक घोषित करने का आग्रह किया गया है। इस संशोधन में शिक्षा को राज्य सूची से हटाकर समवर्ती सूची में ड़ाल दिया गया था॥। तमिलनाड़ु सरकार को मामले में प्रतिवादी के तौर पर शामिल करने के बाद मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति पीड़ी औदिकेशावालु ने राज्य और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किए और उन्हें आठ हफ्ते में जवाब देने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि मामले पर सुनवाई दस हफ्ते बाद होगी। द्रमुक नेता ड़ॉ. एन. इझिलन ने जनहित याचिका में संविधान (४२वां संशोधन) के अनुच्छेद ५७ को चुनौती दी है।