नईं दिल्ली। माकपा और भाकपा ने पूर्व विदेश सचिव विजय गोखले के इन दावों को निराधार तथा बदनाम करने वाला बताया कि वाम दलों ने भारत-अमेरिका परमाणु समझौते का विरोध करने का फैसला चीन के प्रभाव में लिया था।
गोखले ने अपनी किताब द लॉन्ग गेम: हाउ द चाइनीज निगोशिएट विद इंडिया में कहा है कि चीन ने भारत में वाम दलों के साथ अपने करीबी संबंधों का इस्तेमाल भारत-अमेरिका परमाणु समझौते के लिए घरेलू विरोध उत्पन्न करने के वास्ते किया।विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने गोखले के दावों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वामपंथियों की देश के बाहर के लोगों के साथ वफादारी एक सर्वविदित तथ्य है। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने गोखले के दावों को खारिज करते हुए कहा, वाम दलों ने भारत-अमेरिका परमाणु समझौते का विरोध इसलिए किया था क्योंकि यह एक ऐसा समझौता था, जिसमें भारत की सामरिक स्वायत्तता तथा स्वतंत्र विदेश नीति के साथ समझौता किया गया था।