नईं दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि आजादी के बाद सस्ते राशन की योजनाओं का दायरा और बजट साल दर साल बढ़ता गया लेकिन प्रभावी वितरण प्रणाली के अभाव में उसका जो प्रभाव होना चाहिए था, वह सीमित ही रहा। लिहाजा खादृा भंडार बढ़ते गए लेकिन भुखमरी और कुपोषण में उस अनुपात में कमी नहीं आ पाईं। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से गरीब कल्याण अन्न योजना के गुजरात के लाभार्थियों से संवाद के बाद अपने संबोधन में यह बात कही।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार गरीबों के सशक्तीकरण को आज सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लाखों परिवारों को नि:शुल्क राशन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने नयी प्रौदृाोगिकी का इस्तेमाल किया और प्रभावी तरीके से राशन की योजनाओं को जमीन तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि यह मुफ्त राशन वैकि महामारी के इस समय में गरीब की चिंता कम करता है और उनका विश्वस बढ़ाता है। इस कार्यांम में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल भी उपस्थित थे।प्रधानमंत्री ने कहा, आजादी के बाद से ही करीब-करीब हर सरकार ने गरीबों को सस्ता भोजन देने की बात कही थी।