अखिलेश यादव का साथ 2019 में मायावती की पार्टी से छूट गया। लेकिन अखिलेश यादव को लगता है कि मायावती का कुछ वोट सपा की तरफ शिफ्ट हो सकता है। 2019 के चुनाव में मैदान पर सपा और बसपा के कार्यकर्ताओं की जो दोस्ती बनी थी वो अभी टूटी नहीं है। इसलिए समाजवादी पार्टी दलित समुदाय को खुले दिल से अपना वोटर मानने लगी है। वैसे तो उत्तर प्रदेश चुनाव में अभी एक साल का वक्त शेष है। लेकिन जातीय समीतकरण साधने की तैयारी अभी से जोर पकड़ने लगी है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव 14 अप्रैल को बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती के अवसर पर 'बाबा साहेब वाहिनी' का गठन करने का निर्णय लिया है।