नईं दिल्ली। उच्चतम न्यायालय तीन विवादास्पद कृषि कानूनों और दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान प्रदर्शनों संबंधी याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाईं करेगा। शीर्ष अदालत गतिरोध को समाप्त करने के लिए बनाईं गईं समिति के एक सदस्य के स्वयं को अलग कर लेने के मामले पर भी गौर कर सकती है। न्यायालय दिल्ली पुलिस द्वारा दायर की गईं केंद्र सरकार की उस याचिका पर भी सुनवाईं करेगा, जिसमें 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर प्रस्तावित ट्रैक्टर या ट्रॉली मार्च या किसी अन्य तरह के प्रदर्शन पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबड़े की अगुवाईं में न्यायालय की एक पीठ ने एक अंतरिम आदेश में अगले आदेश तक नए कृषि कानूनों के ाियान्वयन पर रोक लगा दी थी और शिकायतों को सुनने तथा गतिरोध के समाधान पर अनुशंसा करने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया था। समिति में भारतीय किसान यूनियन के भूपेंद्र सिंह मान, अंतरराष्ट्रीय खादृा नीति शोध संस्थान के दक्षिण एशिया के निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी और शेतकरी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवट को शामिल किया गया।
न्यायालय ने कहा था कि वह समिति के सुझाव देने के बाद याचिकाओं पर सुनवाईं करेगा, लेकिन न्यायालय के प्रयासों को उस समय झटका लगता प्रतीत हुआ, जब मान ने 14 जनवरी को खुद को समिति से अलग कर लिया था।