मुंबई । राकांपा प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र में मराठों को आरक्षण देते हुए राज्य के मुख्यमंत्री को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की अवज्ञा करने के लिए साहस दिखाना होगा। दरअसल, शाह ने तेलंगाना में 25 नवंबर को चुनाव रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि उच्चतम न्यायालय ने आरक्षण की सीमा 50 फीसदी तक सीमित कर रखी है। पवार ने मुसलमानों के लिए भी कोटा तय किए जाने की हिमायत की और भाजपा के इस रूख पर सवाल उठाया कि आरक्षण धार्मिक आधार पर नहीं दिया जा सकता। राकांपा प्रमुख ने शाह के बयान पर टिप्पणी करने को कहे जाने पर कहा, उन्होंने (शाह ने) स्पष्ट रूप से कहा है कि आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से अधिक नहीं हो सकती और इसकी मांग करना उचित नहीं है। अब, मुख्यमंत्री (देवेंद्र फड़णवीस) की परीक्षा होनी है।उन्होंने कहा कि अब हम यह देखना चाहते हैं कि क्या मुख्यमंत्री अपने पार्टी प्रमुख के रुख को खारिज करते हुए अलग विचार पेश करने का साहस कर पाते हैं ? गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा ने 29 नवंबर को सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित कर मराठों को नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 16 फीसदी कोटा मुहैया किया है। इससे राज्य में आरक्षण की कुल सीमा मौजूदा 52 फीसदी से बढ़ कर 68 फीसदी हो गई है। मराठा कोटा विधान के खिलाफ उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि लोगों को अदालत का रुख करने का अधिकार है। पवार ने कहा, इस विषय में हमारा सिर्फ यह रूख है कि सरकार को अन्य समुदायों (जिन्हें पहले से ही आरक्षण प्राप्त है) के हितों को नुकसान पहुंचाए बगैर नए समुदाय (मराठों) के लिए 16 फीसदी कोटा लागू करना चाहिए। राकांपा प्रमुख ने मुसलमानों को आरक्षण दिए जाने के विषय पर कहा, यह अवश्य दिया जाना चाहिए।
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