GMCH STORIES

सभ्यता, संस्कृति एवं विरासत के संवाहक हैं डाक टिकट - डाक निदेशक केके यादव

( Read 11532 Times)

13 Oct 18
Share |
Print This Page
सभ्यता, संस्कृति एवं विरासत के संवाहक हैं डाक टिकट - डाक निदेशक केके यादव डाक टिकट किसी भी राष्ट्र की सभ्यता, संस्कृति एवं विरासत के संवाहक हैं, जिनके माध्यम से वहाँ के इतिहास, कला, विज्ञान, व्यक्तित्व, वनस्पति, जीव-जन्तु, राजनयिक सम्बन्ध एवं जनजीवन से जुडे़ विभिन्न पहलुओं की जानकारी मिलती है। हर डाक टिकट के पीछे एक कहानी छुपी हुई है और इस कहानी से आज की युवा पीढ़ी को जोड़ने की जरूरत है। उक्त उद्गार लखनऊ (मुख्यालय) परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने राष्ट्रीय डाक सप्ताह के तहत लखनऊ जीपीओ में 12 अक्टूबर को आयोजित "फिलेटली दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किये। श्री यादव ने गाँधी जी की 150 वीं जयंती के क्रम में "गाँधी जी द्वारा स्काउट ध्वजारोहण व "स्काउट रैली : 1938 में गाँधी जी और अब्दुल गफ्फार खान" पर एक स्पेशल पोस्टल कवर भी जारी किया। इस अवसर पर स्कूली बच्चों हेतु सेमिनार, पत्र लेखन, ढाई आखर और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी आयोजित की गयी, जिसमें तमाम स्कूली बच्चों ने भाग लिया।


डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि डाक टिकट सिर्फ भौतिक दूरियों को ही नहीं नापता बल्कि आत्मीयता भी बढ़ाता है। डाक विभाग की माई स्टैम्प सेवा के तहत अब लोगों की फोटो भी डाक टिकटों पर हो सकती है। छोटा सा कागज का टुकड़ा दिखने वाले डाक टिकट वक्त के साथ एक ऐसे अमूल्य दस्तावेज बन जाते हैं, जिनकी कीमत लाखों से करोड़ों रुपए में होती है। भारत में 1852 में जारी प्रथम डाक टिकट सिंदे टिकट की कीमत आज 4 लाख से 35 लाख रुपए तक है तो दुनिया का सबसे महंगा डाक टिकट ब्रिटिश गुयाना द्वारा सन् 1856 में जारी किया गया एक सेण्ट का डाक-टिकट है जो वर्ष 2014 में रिकॉर्ड 9.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर में बिका। श्री यादव ने कहा कि डाक टिकट वास्तव में एक नन्हा राजदूत है, जो विभिन्न देशों का भ्रमण करता है एवम् उन्हें अपनी सभ्यता, संस्कृति और विरासत से अवगत कराता है। यही कारण है कि ई-मेल और सोशल मीडिया के इस दौर में भी आज हाथों से लिखे पत्रों और डाक टिकटों की लाखों-करोड़ों में नीलामी होती है।

लखनऊ जीपीओ के चीफ पोस्टमास्टर योगेंद्र मौर्य ने बताया कि फिलेटली डे पर तमाम स्कूली बच्चों ने डाकघर की कार्यप्रणाली के बारे में भी सीखा और राष्ट्रीय स्तर की ढाई आखर पत्र लेखन प्रतियोगिता में भाग लिया।

कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत लखनऊ जीपीओ के चीफ पोस्टमास्टर योगेंद्र मौर्य और आभार ज्ञापन डिप्टी चीफ पोस्टमास्टर मधुसूदन मिश्र ने किया। इस अवसर पर डिप्टी चीफ पोस्टमास्टर टीपी सिंह, सहायक निदेशक आर एन यादव, लखनऊ फिलेटलिक सोसाइटी के अध्यक्ष बीएस भार्गव, उपाध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा सहित तमाम विभागीय अधिकारी, फिलेटलिस्ट्स इत्यादि उपस्थित रहे .

विभिन्न प्रतियोगिता के विजेताओं को निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव द्वारा पुरस्कृत किया गया। पत्र-लेखन प्रतियोगिता में जूनियर वर्ग में नितिन कुमार, अक्षिता सिन्हा व नंदिता अग्रवाल और सीनियर वर्ग में एसएन अली फराज, वासिया फातिमा व शताक्षी आनंद को क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में जूनियर वर्ग में वन्दिता अग्रवाल, नितिन कुमार व प्रांजल और सीनियर वर्ग में नाजिर अली, मो. मियाम व अहमद अली को क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ।
Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : National News
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like