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मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री को लिखा दूसरा पत्र राज्यों को मजबूत करने के लिए अत्यावश्यक कदम उठाए केन्द्र

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07 Apr 20
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मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री को लिखा दूसरा पत्र  राज्यों को मजबूत करने के लिए अत्यावश्यक कदम उठाए केन्द्र

जयपुर, मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि राजस्व में भारी गिरावट की वजह से राज्यों की वित्तीय स्थिति तेजी से बिगड़ रही है। वित्तीय स्थिति को देखते हुए राजस्थान सरकार को राज्य कर्मियों के मार्च माह के वेतन को आंशिक रूप से स्थगित करने का मुश्किल फैसला लेना पड़ा। ऎसे में राज्यों की आर्थिक स्थिति समझते हुए केन्द्र सरकार की ओर से अत्यावश्यक कदम उठाने चाहिए।

 

एक लाख करोड़ का पैकेज राज्यों को शीघ्र मिले

श्री गहलोत ने पत्र में लिखा है कि देश के सभी राज्यों को 1 लाख करोड़ का अनुदान शामिल करते हुए आर्थिक पैकेज की घोषणा शीघ्र की जानी चाहिए। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में वेज एण्ड मीन्स एडवान्स में 30 प्रतिशत की सीमा बढ़ाई है लेकिन विशेष संकटकाल को देखते हुए राज्य सरकारों को ब्याज मुक्त वेज एण्ड मीन्स एडवान्स की सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए ताकि वे कोविड-19 महामारी से ज्यादा प्रभावी तरीके से निपट सकें।

 

ब्याज मुक्त आधार पर तीन माह का मोरेटोरियम मिले

मुख्यमंत्री ने 27 मार्च को प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र में दिये गए सुझावों का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्यों को केन्द्र से अपेक्षा है कि भारतीय रिजर्व बैंक एवं केन्द्र के अधीन अन्य वित्तीय संस्थानों के समस्त ऋण जो आगामी समय में देय हैं, उनके भुगतान का पुनर्निधारण करते हुए ब्याज मुक्त आधार पर कम से कम 3 माह का मोरेटोरियम उपलब्ध कराए। साथ ही भारत सरकार के स्तर पर ऋण लेकर राज्यों के विकास के लिए उपलब्ध करवाया जाए।

 

कनाडा की तर्ज पर वेज सब्सिडी उपलब्ध कराई जाए

श्री गहलोत ने पत्र में लिखा कि कनाडा जैसे कई देशों में वेज सब्सिडी उपलब्ध कराई है। उसी तर्ज पर भारत सरकार द्वारा यहां भी गैर संगठित क्षेत्र के श्रमिकों को आजीविका के नुकसान को देखते हुए उन्हें वेज सब्सिडी उपलब्ध कराई जानी चाहिए। उन्होंने भारत सरकार द्वारा घोषित गरीब कल्याण योजना एवं आर्थिक पैकेज का स्वागत करते हुए जनहित में इसकी शीघ्र क्रियान्विती सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

 

 

डॉक्टरों के लिए पीपीई एवं टेस्टिंग किट का समुचित इंतजाम हो

मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कोविड-19 वायरस के प्रसार की सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए केन्द्र से परीक्षण सुविधा में तेजी से वृद्धि करने और डॉक्टरों तथा चिकित्सा कर्मचारियों के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों एवं टेस्टिंग किट का युद्ध स्तर पर आयात कर कोरोना संक्रमित रोगियाें की संख्या के आधार पर इसका वितरण करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा वेंटिलेटर का उचित प्रमाणिकरण कर उसका मूल्य निर्धारण किया जाए ताकि बाजार में आए कम लागत वाले प्रभावी वेंटिलेटर्स की खरीद में आसानी हो।

 

एनएफएसए के तहत कवर नहीं होने वालों को भी मिले अनाज

श्री गहलोत ने पत्र में लिखा कि केन्द्र सरकार को आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही के लिए स्पष्ट एवं पारदर्शी अंतर्राज्यीय आपूर्ति श्रृंखला प्रोटोकोल लागू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों में दूसरे राज्यों से आए मजदूर फंसे हुए हैं। इसके अलावा ठेले एवं रेहड़ी चलाने वाले, पंजीकृत निर्माण श्रमिक और कारखानों में काम करने वाले श्रमिक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे में नहीं आते हैं। ऎसे में उन्हेें भी एनएफएसए लाभार्थियों के समान अनाज उपलब्ध करवाने की व्यवस्था पर विचार किया जाना चाहिए।

मनरेगा मजदूरों को अग्रिम भुगतान हो

मुख्यमंत्री ने मनरेगा के तहत पंजीकृत और सक्रिय मजदूरों को 21 दिन के अग्रिम वेतन भुगतान पर विचार करने का भी आग्रह किया और सुझाव दिया कि अग्रिम भुगतान को मनरेगा साइट पर काम शुरू होने के बाद मजदूरों द्वारा किये जाने वाले काम से समयोजित किया जा सकता है।

 

श्री गहलोत ने राज्य सरकारों को भरोसे में लेकर संघवाद के मूल्यों को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। साथ ही उन्होंने कोविड-19 महामारी से समन्वित एवं ऊर्जावान तरीके से निपटने के लिए संघवाद की भावना की आवश्यकता पर जोर दिया।

 

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आटा, दाल, तेल, मिलों सहित 1474 औद्योगिक इकाइयों को उत्पादन की अनुमती

 

जयपुर, 6 अप्रेल। उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य में 1474 औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन कार्य आरंभ करने की अनुमति जारी की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि इन इकाइयों में से 647 आटा, बेसन, दाल, तेल और मसाला मिलों को तो पहले दिन से ही अनुमति दी गई थी तथा इनमें से अधिकांश में तभी से उत्पादन जारी है। उन्होंने बताया कि इन इकाइयों द्वारा और प्रदेश में आटा, बेसन, सूजी, मैदा, मसाले, तेल आदि की उपलब्धता बनी हुई है व प्रभावी सप्लाई चेन व्यवस्था काम कर रही है।

 

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि केन्द्र व राज्य सरकार की एडवाइजरी के अनुसार अनुज्ञेय श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को भी अनुमति देने की प्रक्रिया को पारदर्शी और तय समय सीमा में निस्तारण किया जा रहा है। इसके तहत रविवार 5 अप्रेल को एक ही दिन में 257 और औद्योगिक इकाइयों को अनुमति जारी की गई है।

 

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार द्वारा आटा, दाल, तेल, मसाला आदि मिलों को चालू रखने का निर्णय लिया गया था। उसके बाद अनुज्ञेय श्रेणी के उद्यमों को अनुमति जारी करने की व्यवस्था को भी सरल बनाया है, जिससे अनुज्ञेय श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों में भी उत्पादन शुरु होने लगा है। उन्होंने बताया कि प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाने के लिए जिला कलक्टर जयपुर, उदयपुर, अलवर, अजमेर और भरतपुर द्वारा अनुमति जारी करने के लिए संबंधित महाप्रबंधक डीआईसी व रीको अधिकारियों को अधिकृत कर दिया गया है।

इन क्षेत्रों को अब जिला कलक्टर की अभिशंषा के लिए प्रकरण भेजने की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने बताया कि विभाग स्तर पर प्राप्त आवेदनों और उनके निस्तारण की समीक्षा की जा रही है तथा 6 घंटों की तय सीमा में निर्णय करने के निर्देशों की सख्ती से पालना करने को कहा है।

 

डॉ.अग्रवाल ने बताया कि केन्द्र व राज्य सरकार की एडवाइजरी और सुरक्षा मापदण्डों की पालना सुनिश्चित करते हुए न्यूनतम कार्मिकों और आवश्यक स्वास्थ्य सुरक्षा मानकों की पालना सुनिश्चित करने को पाबंद करते हुए ही अनुमति दी जा रही है। उन्होंने बताया कि रीको द्वारा डॉक्टरों के लिए पीपीई किट तैयार करने वाले, मेडिकल ग्लव्ज़ तैयार करने वाले तथा पैकेजिंग मेटेरियल तैयार करने वाले उद्योगों को आवेदन करते ही सशर्त अनुमति प्रदान की गई है।

 

उद्योग आयुक्त श्री मुक्तानन्द अग्रवाल ने बताया कि राज्य में जिला उद्योग केन्द्रों व रीको द्वारा अनुज्ञेय श्रेणी के 827 औद्योगिक इकाइयों को अनुमति जारी कर दी गई है। इसके अतिरिक्त 4458 कार्मिकों व श्रमिकों को पास जारी किए जा चुके हैं तथा जिलों के भीतर आवागमन के लिए 474 वाहनों के पास जारी किए जा चुके हैं।

 

आयुक्त ने बताया कि अनुज्ञेय श्रेणी के उद्योगों को संचालन के दौरान न्यूनतम श्रमिकों से संचालन, श्रमिकों का औद्योगिक परिसर या अनुमति प्राप्त परिसर में आवास सुविधा के साथ ही उनके इकाई व आवास परिसर में मेडिकेटेड सेनेटाइजर, साबुन, मास्क के साथ ही अन्य जरुरी सुरक्षा उपकरण, आवासीय परिसर में उनके रहने, सोने व जीवन यापन के सभी इंतजाम करने आदि दिशा निर्देशों का पालन करना होगा। इसके अतिरिक्त सेनेटाइजेशन के साथ ही फ्यूमिगेशन कराने, कार्य स्थल व आवास पर सोशल डिस्टेंसिंग व संपर्क रहित आदान-प्रदान सुनिश्चित करने, इकाई में किसी के भी वायरस संक्रमण, बुखार, खांसी, जुकाम अथवा अन्य संक्रमण की स्थिति में तत्काल प्रशासन को जानकारी देने और चिकित्सकीय जांच कराने के निर्देश दिए गये है।

 

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