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“ऋषि दयानन्द के स्वप्नों को साकार करने वाला देश का प्रथम गुरुकुल - गुरुकुल कागड़ी विद्यालय, हरिद्वार”

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10 Mar 19
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“ऋषि दयानन्द के स्वप्नों को साकार करने वाला देश का प्रथम गुरुकुल - गुरुकुल कागड़ी विद्यालय, हरिद्वार”

 गुरुकुल कांगड़ी विद्यालय, हरिद्वार गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार के परिसर में ही स्थित है। इसका पता लोक सेवा आयोग कार्यालय के निकट, ग्राम जगजीत पुर, पत्रालय गुरुकुल कागड़ी, थाना कनखल, तहसील ज्वालापुर, जिला हरिद्वार पिनकोड 249404 राज्य उत्तराखण्ड है। गुरुकुल से मोबाईल न0 9411177277 अथवा 9412025930 पर सम्पर्क किया जा सकता है। गुरुकुल का ईमेल gurukulkangri@gmail.com है। गुरुकुल की अपनी वेबसाइट www.gurukulkangrividyalaya.org भी है। गुरुकुल की स्थापना सन् 1902 में स्वामी श्रद्धानन्द जी व आर्य प्रतिनिधि सभा, पंजाब ने की थी। स्वामी श्रद्धानन्द ही गुरुकुल के प्रथम आचार्य रहे हैं। इस गुरुकुल का संचालन आर्य विद्या सभा, गुरुकुल कांगड़ी हरिद्वार द्वारा किया जाता है। गुरुकुल में शिक्षा गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय/सीबीएसई पाठ्यक्रम के अनुसार दी जाती है। यह गुरुकुल गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार से सम्बद्ध एवं मान्यता प्राप्त है। वर्तमान समय में गुरुकुल में लगभग 400 छात्र अध्ययनरत हैं।

 

                गुरुकुल में अचल सम्पत्ति के रूप में निम्न सम्पत्तियां व सुविधायें हैं:

 

विद्यालय : 1 हाल।

कमरे :  30 न0

ब्रह्मचर्य आश्रम : दो मंजिला है। इसमें 06 हाल व कमरे ऊपर व 06 हाल/कमरे नीचे हैं।

भोजन भण्डार है।

गौशाला है।

कार्यालय है।

 

                गुरुकुल में कृषि फार्म है जहां कृषि कार्य किया जाता है। गौशाला का संचालन भी गुरुकुल के द्वारा होता है।

 

                गुरुकुल में की जाने वाली शिक्षणेतर गतिविधियां निम्न हैं:

 

1-            राज्यीय एवं राष्ट्रीय योग प्रतियोगिता

2-            त्रिभाषा-भाषण प्रतियोगिता

3-            अन्य क्रीड़ा प्रतियोगितायें एवं

4-            प्रश्न मंच (विज्ञान एवं सामान्य ज्ञान)

 

गुरुकुल की उपलब्धियां

 

1-            नवीन भवनों का निर्माण (भोजनालय एवं विद्यालय)

2-            सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।

3-            कोबसे से सदस्यता है।

4-            छात्रावास में नये पंखे लगाये गये हैं।

5-            योग के क्षेत्र में गुरुकुल की अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति हैं।

 

अध्ययन के बाद छात्रों की गतिविधियां

 

1-            विभिन्न संस्थानों में उच्च पदों पर कार्यरत।

2-            लगभग 17-18 छात्र योग शिक्षक के रुप में विदेशों में कार्यरत् हैं।

3-            अनेक छात्र आईआईटी एवं चिकित्सा क्षेत्र में चयनित।

 

                गुरुकुल स्व-वित्तपोषित संस्था है। गुरुकुल को राज्य व केन्द्रीय सरकार से कोई आर्थिक मदद व मानदेय आदि प्राप्त नहीं है। गुरुकुल को छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु शूटिंग रेंज, बैडमिण्टन कोर्ट, तरणताल आदि की आवश्यकता है। सरकार से अपेक्षा है कि वह विद्यालय के भवनों का निर्माण, जीर्ण भवनों की मरम्मत आदि कार्यों सहित अध्यापकों एवं कर्मचारियों के वेतन हेतु अनुदान प्रदान करें।

 

                गुरुकुल की उपलब्धियां में प्रथम उपलब्धि यह है कि यहां गुरु-शिष्य परम्परा को स्थापित कर छात्रों के विकास पर ध्यान दिया जाता है। छात्रों के चरित्र का विकास किया जाता है तथा उनके मन में प्राचीन भारतीय संस्कृति के प्रति गौरव की भावना उत्पन्न की जाती है। प्राचीन ज्ञान-विज्ञान के साथ आधुनिक ज्ञान-विज्ञान का अध्ययन करावाया जाता है। प्रत्येक प्रकार की शिक्षा के लिये प्रत्येक स्तर पर मातृभाषा को माध्यम रखा गया है। गुरुकुल शिक्षा प्रणाली प्रचलित दोषपूर्ण शिक्षा पद्धति का विकल्प प्रस्तुत करती है।

 

                गुरुकुल प्राचार्य डॉ0 विजेन्द्र शास्त्री जी हैं। प्रधान डॉ0 दीनानाथ शर्मा, मंत्री वा सचिव श्री ओम प्रकाश आर्य एवं कोषाध्यक्ष ब्र0 दीक्षेन्द्र आर्य हैं। गुरुकुल का अतीत अत्यन्त स्वर्णिम है। गुरुकुल ने अनेक विद्वान, वेदभाष्यकार, शिक्षाविद्, पत्रकार, साहित्यकार, स्वतन्त्रता सेनानी, इतिहासकार एवं राजनेता आदि दिये हैं। ओ३म् शम्।

-मनमोहन कुमार आर्य

पताः 196 चुक्खूवाला-2

देहरादून-248001

फोनः09412985121

 

 

 

 

 

 

 

 


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