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‘वैदिक-गुरुकुलीय-शास्त्रीय-प्रतिस्पर्धा’ सोल्लास सम्पन्न”

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14 Dec 18
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श्रीमद् दयानन्द वैदिक परिषद् द्वारा आयोजित तथा मानव सेवा प्रतिष्ठान द्वारा प्रायोजित प्रथम ‘वैदिक-गुरुकुलीय-शास्त्रीय-प्रतिस्पर्धा’ ८-९ दिसम्बर २0१८ को गुरुकुल गौतम नगर नई दिल्ली-४९ के देवकीनन्दन सभागार में हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुई।

अनेक गुरुकुलों के संस्थापक एवं श्रीमद् दयानन्द वैदिक परिषद् के अध्यक्ष सम्माननीय स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती जी के आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन से अष्टाध्यायी-कण्ठपाठ एवं लेखन, धातुपाठ-कण्ठपाठ एवं लेखन, त्रिभाषीकोष-कण्ठपाठ, वैदिक-सिद्धान्त प्रश्नमंच एवं शास्त्रार्थ-विमर्श (वाद-विवाद) सहित पाँच प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन किया गया। वैदिक गुरुकुलीय शास्त्रीय प्रतिस्पर्धा के इस प्रथम संस्करण में २५ गुरुकुलों के ११९ छात्र-छात्राओं ने पूर्ण पुरुषार्थ के साथ भाग लिया। इन प्रतिस्पर्धाओं का संचालन वैदिक गुरुकुल परिषद् के सह-मन्त्री आचार्य डा. धनंजय ने किया।

सर्वप्रथम अष्टाध्यायी-कण्ठपाठ की प्रतिस्पर्धा आयोजित की गयी, जिसमें २५ प्रतिस्पर्धियों ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रतिभागियों ने सम्पूर्ण अष्टाध्यायी को सुनाने के साथ-साथ लिखित परीक्षा भी दी। अग्रिम १0 प्रतिभागियों को ‘पाणिनीय’ उपाधि से सम्मानित करते हुए पाँच-पाँच हजार की राशि प्रदान की गयी। ८९ प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त अग्रिम १0 विजयी प्रतिभागी - प्रज्ञा (कन्या गुरुकुल शिवगंज, सिरोही), भानुप्रताप (गुरुकुल पौन्धा, देहरादून), अर्जुन (कान्हा आर्ष गुरुकुल नागपुर), ऋचा (कन्या गुरुकुल रुद्रपुर), ऋतम्भरा (कन्या गुरुकुल पंचगाँव), अंशिका (गुरुकुल रुद्रपुर), अनिकेत आर्य (गुरुकुल केरल), सत्यप्रकाश (आर्ष गुरुकुल महाविद्यालय माउण्ट आबू), राकेश (गुरुकुल आमसेना, उड़ीसा), शुभम् (गुरुकुल गौतमनगर) रहे। इस प्रतिस्पर्धा के निर्णायक डा. श्रीवत्स (दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली), डा. उमा (दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली) एवं डा. वेदव्रत (गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार) रहे।

द्वितीय प्रतिस्पर्धा धातुपाठ-कण्ठपाठ की आयोजित की गई, जिसमें 25 प्रतिस्पर्धियों ने भाग लेते हुए सम्पूर्ण धातुपाठ को सुनाकर लिखित परीक्षा देकर अग्रिम 10 प्रतिभागियों को ‘शाब्दिक’ की उपाधि तथा चार-चार हजार की राशि से सम्मानित किया गया। ८0 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त अग्रिम 10 विजेता प्रतिस्पर्धी इस प्रकार हैं- सूरज आर्य (कान्हा आर्ष गुरुकुल नागपुर), सुनीति (गुरुकुल रुद्रपुर), देवेन्द्र (गुरुकुल पौन्धा), अजय मलिक (श्रीवत्स गोरक्षा आश्रम, गंजाम, उड़ीसा), दिलीप दास (गुरुकुल गौतमनगर), प्रवेश (कन्या गुरुकुल पञ्चगाँव), राजश्री (विश्ववारा गुरुकुल रुड़की, रोहतक), शिवानी साहा (माता परमेश्वरी देवी गुरुकुल, सुनावेडा, उड़ीसा), वेदवती (गुरुकुल शिवगंज), विश्वरंजन महला (गुरुकुल हरिपुर, उड़ीसा)। इस प्रतिस्पर्धा के निर्णायक डा. बृजेश गौतम (अध्यक्ष, संस्कृत-शिक्षक-संघ, दिल्ली), डा. रवीन्द्र कुमार (भगवानदास संस्कृत महाविद्यालय, हरिद्वार) एवं डा. सुभाष (राजकीय महाविद्यालय तिजारा, अलवर, राजस्थान) रहे।

तृतीय प्रतिस्पर्धा त्रिभाषी शब्दकोष की आयोजित की गई, जिसमें 14 प्रतिस्पर्धियों ने भाग लिया। इस प्रतिस्पर्धा में आचार्य ओंकार जी द्वारा लिखित ‘त्रिभाषी-कोष’ नामक पुस्तक के संस्कृत, हिन्दी तथा अंग्रेजी के लगभग १५00 से अधिक शब्दों को प्रतिस्पर्धियों द्वारा सुनाया गया। इस प्रतिस्पर्धा में शीतल (विश्ववारा गुरुकुल, रुड़की, रोहतक) ने प्रथम, भारत कुमार (गुरुकुल पौन्धा, देहरादून) ने द्वितीय, तथा मनीषा (विश्ववारा गुरुकुल, रुड़की, रोहतक) ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इसके साथ ही दो सान्त्वना पुरस्कार पूजा (कन्या गुरुकुल पंचगांव) तथा हरिकेश आर्य (आर्ष गुरुकुल महाविद्यालय माउण्ट आबू) ने प्राप्त किये। प्रथम पुरस्कार प्राप्तकर्ता का पाँच हजार, द्वितीय को दो हजार एवं तृतीय को एक हजार की राशि तथा सान्त्वना पुरस्कार में ५00-५00 रुपये की नगद राशि से सम्मानित किया गया। इस प्रतिस्पर्धा के निर्णायक डा. अजीत कुमार (दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली), डा. उमा आर्या (दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली), डा. नागेन्द्र मिश्र (गुरुकुल अयोध्या) रहे।

चतुर्थ प्रतिस्पर्धा वैदिक सिद्धान्त प्रश्न मंच की आयोजित की गई, जिसमें ४0 प्रतिस्पर्धियों ने भाग लिया। इस प्रतिस्पर्धा में कक्षा आठवीं तक के प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। इस प्रतिस्पर्धा में बाल-शिक्षा, व्यवहारभानु, पंचमहायज्ञविधि वैदिक धर्म प्रश्नोत्तरी, स्वामी दयानन्द जीवन परिचय से सम्बन्धित प्रश्नों को पूछा गया। जिसमें संध्या (विश्ववारा कन्या गुरुकुल, रुड़की, रोहतक) ने प्रथम, संध्या (कन्या गुरुकुल पंचगांव) ने द्वितीय तथा धर्मवीर आर्य (गुरुकुल पौन्धा, देहरादून) ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। साथ ही पाँच सान्त्वना पुरस्कार मनीष आर्य (नरसिंहनाथ गुरुकुल, बरगढ़, उड़ीसा), महावीर आर्य (गुरुकुल गोमत, अलीगढ़), रितेश आर्य (गुरुकुल पौन्धा, देहरादून), सक्षम आर्य (गुरुकुल गोमत, अलीगढ़), योगेश आर्य (नरसिंहनाथ गुरुकुल, बरगढ़, उड़ीसा) को प्रदान किये गये। प्रथम पुरस्कार में तीन हजार, द्वितीय पुरस्कार में दो हजार, तृतीय पुरस्कार में एक हजार तथा सान्त्वना पुरस्कार में 500-500 रुपये प्रदान किये गये। इस प्रतिस्पर्धा के निर्णायक डा. अजीत कुमार (दिल्ली विश्वविद्याल, दिल्ली), स्वामी धर्मेश्वरानन्द सरस्वती (गुरुकुल पूठ), डा. नागेन्द्र मिश्र (गुरुकुल अयोध्या) रहे।

पंचम प्रतिस्पर्धा शास्त्रार्थ-विचार (वाद-विवाद) की आयोजित की गई, जिसमें 22 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। इस प्रतिस्पर्धा का विषय जीवनोपयोगी संस्कृत भाषा था। इस प्रतिस्पर्धा में संस्थागत रूप में गुरुकुल पौन्धा, देहरादून के कैलाश एव सारांश ने प्रथम स्थान तथा कन्या गुरुकुल शिवगंज सिरोही की कृष्णा एवं मनीषा ने द्वितीय स्थान एवं तृतीय स्थान कन्या गुरुकुल नजीबाबाद की अंशु एवं सोनी ने प्राप्त किया। व्यक्तिगत पुरस्कार के रूप में शुभम् (गुरुकुल गौतमनगर, दिल्ली) ने प्रथम, दिनेश (गुरुकुल गौतमनगर, दिल्ली) ने द्वितीय तथा महीपाल (आर्ष गुरुकुल महाविद्यालय माउण्ट आबू) ने तृतीय स्थान एवं विनायक (श्रीनिवास संस्कृत विद्यापीठ, दिल्ली) ने सान्त्वना पुरस्कार प्राप्त किया। इस प्रतिस्पर्धा के निर्णायक प्रो. महावीर अग्रवाल (प्रतिकुलपति, पतंजलि विश्वविद्यालय, हरिद्वार), डा. श्रीवत्स (दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली), डा. सुभाष (राजकीय महाविद्यालय तिजारा, अलवर, राजस्थान) रहे।

इस प्रतिस्पर्धा के पुरस्कार समारोह में सभी निर्णायकों तथा गुरुकुलों से आये मार्गदर्शकों को स्मृतिचिह्न देकर सम्मानित किया गया। विजेता प्रतिस्पर्धियों को मानव सेवा प्रतिष्ठान द्वारा पुरस्कार राशि प्रदान की गई। सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र एवं आचार्य प्रणवानन्द विश्वनीड-न्यास, पौन्धा देहरादून द्वारा एक-एक बैग तथा पुस्तकें देकर पूज्य स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती जी ने आशीर्वाद दिया। श्रीमद् दयानन्द वैदिक गुरुकुल परिषद् द्वारा सभी प्रतिभागियों के लिए मार्गव्यय की व्यवस्था की गई। इस समारोह में स्वामी धर्मेश्वरानन्द सरस्वती, प्रो. महावीर अग्रवाल जी, पं. सत्यपाल पथिक जी, पं. धर्मपाल शास्त्री जी, डा. श्रीवत्स जी, डा. धर्मेन्द्र शास्त्री जी, श्री रामपाल शास्त्री जी, श्री चन्द्रदेव शास्त्री जी, आचार्य मनुदेव जी आदि ने आशीर्वाद प्रदान किया। प्रतिस्पर्धा के संचालक आचार्य डा. धनंजय जी ने उपस्थित प्रतिभागियों व सहयोगियों का आभार व्यक्त किया।
- शिवदेव आर्य
कार्यालयाध्यक्ष
वैदिक गुरुकुल परिषद्
मो.-8810005096


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